ह्यूस्टन : अमेरिकी इतिहास में स्कूल में सबसे भीषण गोलीबारी की घटना सामने आई है. यहां एक 18 वर्षीय बंदूकधारी ने टेक्सास के एक प्राथमिक स्कूल में 19 बच्चों समेत 21 लोगों की हत्या कर दी. हमले में कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस फायरिंग में 18 साल का हमलावर भी मारा गया. सैन एंटोनियो से 134 किलोमीटर दूर टेक्सास के उवाल्डे शहर के रॉब एलीमेंट्री स्कूल में मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे गोलियों की आवाज सुनाई दी.
सबसे पहले दादी को मारी गोली :टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट (Greg Abbott) ने हत्यारे की पहचान साल्वाडोर रामोस के रूप में की है. साल्वाडोर रामोस उसी इलाके का निवासी था जहां स्कूल स्थित है. उसने फायरिंग क्यों की इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. एबॉट ने पहले कहा कि उसने भयानक रूप से धुआंधार फायरिंग की जिसमें 14 बच्चे और एक टीचर की मौत हो गई. बाद में उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है. मृतकों में 19 बच्चे शामिल हैं. साल्वाडोर रामोस के रूप में पहचाने जाने वाले बंदूकधारी ने सबसे पहले अपनी दादी को गोली मारी थी, जो अभी जीवित हैं, मगर गंभीर स्थिति में है.
सेमीआटोमैटिक राइफल से लैस था शूटर :सूत्रों ने पुष्टि की है कि रामोस एक हैंडगन और एआर -15 सेमीआटोमैटिक राइफल से लैस था. शूटर के पास उच्च क्षमता वाली मैग्जीन भी थीं. स्कूल की वेबसाइट के मुताबिक मारे गए छात्रों की उम्र 5 से 11 साल के बीच है. उवाल्डे के पुलिस प्रमुख उवाल्डे पीट अर्रेडोंडो ने कहा, 'आज सुबह लगभग 11:32 बजे रॉब एलीमेंट्री स्कूल में फायरिंग की घटना हुई. जवाबी कार्रवाई में हत्यारे को मार गिराया गया.' उन्होंने कहा कि मृतक बच्चे दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा के हैं जिनकी उम्र 7 साल से 10 साल के बीच है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जापान से वापसी की उड़ान के दौरान शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई. बाइडेन क्वाड समिट में शामिल होने जापान गए थे.
बाइडेन ने जताई संवेदना, 28 मई तक आधा झुका रहेगा अमेरिकी ध्वज :बाइडेन के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि बाइडेन वाशिंगटन लौटने के बाद शाम को मीडिया को संबोधित करेंगे. एक ट्वीट में, जीन-पियरे ने लिखा: 'उनकी (बाइडेन की) संवेदनाएं इस भयानक घटना से प्रभावित परिवारों के साथ हैं.' बाइडेन ने टेक्सास में मारे गए लोगों की याद में शनिवार 28 मई को सूर्यास्त तक अमेरिकी ध्वज को आधा झुकाए रखने का आदेश दिया है. सभी सार्वजनिक भवनों, मैदानों, सैन्य चौकियों, नौसेना स्टेशनों, नौसैनिक जहाजों, दूतावासों, कांसुलर कार्यालयों और सैन्य सुविधाओं पर अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा.
जांच के आदेश : उवाल्डे में गोलियों की आवाज सुनते ही सभी स्कूलों में ताला लगा दिया गया. मौतों की पुष्टि के अलावा कई लोग घायल भी हुए हैं. हालांकि घायलों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. एबॉट ने कहा कि उन्होंने टेक्सास के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग और टेक्सास रेंजर्स को शूटिंग की जांच के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन के साथ काम करने का निर्देश दिया है.
बाइडेन बोले-अब एक्शन लेने का समय :अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने निराशा और गुस्से के साथ कहा, 'एक राष्ट्र के रूप में, हमें पूछना होगा कि भगवान के नाम पर हम कब तक बंदूक की लॉबी के लिए खड़े होंगे और इसके खिलाफ क्या कर सकते हैं? जो माता-पिता अपने बच्चों को फिर कभी नहीं देख पाएंगे, उनके बारे में सोचने की जरूरत है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब एक्शन लेने का समय है. हमें उन लोगों को बताने की जरूरत है जो इस तरह कानून के खिलाफ जाकर बंदूक उठाते हैं, हम उन्हें माफ नहीं करेंगे.'
ऑस्ट्रेलिया में शुरू किए गए बंदूक नियंत्रण कानून को एक मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया गया है. अमेरिका में भी इसकी चर्चा हो चुकी है. इन घटनाओं पर नजर रखने वाले एजुकेशन वीक के अनुसार, मंगलवार की शूटिंग 2022 में अमेरिका में 27वीं बार स्कूलों में गोलीबारी हुई है. इस साल 212 सामूहिक गोलीबारी हुई है. संयुक्त राज्य अमेरिका में बंदूक हिंसा एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है. सामूहिक गोलीबारी की हर घटना के बाद कॉमनसेंस नियंत्रण की मांग चरम पर होती है.
बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे पेरेंट्स :फायरिंग की घटना के बाद से पेरेंट्स में डर का माहौल है. हमले के बाद पेरेंट्स बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थना करते नजर आए. वह एक दूसरे को गले लगाकर रो रहे थे. हमले के बाद स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र की मां ने तो यहां तक कह दिया कि वह अपने बच्चे को कभी स्कूल नहीं भेजेंगी. उन्होंने कहा कि स्कूल के ऑटोमेटेड अलर्ट सिस्टम के जरिए घटना की जानकारी मिली. मैं भगवान से यही प्रार्थना कर रही थी कि मेरा बच्चा जिंदा मिल जाए.
अमेरिका में स्कूलों में गोलीबारी की कुछ घटनाओं पर एक नजर :अमेरिका में पिछले कई वर्षों में स्कूल और कॉलेज में गोलीबारी तथा अन्य हमलों की घटनाएं हुई हैं, लेकिन वर्ष 1999 में कोलोराडो के कोलंबिन हाई स्कूल में हुई गोलीबारी से पहले तक स्कूलों में ऐसी घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या इकाई में थी. इसके बाद से स्कूलों में गोलीबारी की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या 10 से अधिक रही है.