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Terrorism is borderless: आतंकवाद किसी देश सीमा में बंधा नहीं है, मुंबई हमले के पीड़ितों ने किया ठोस कार्रवाई का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations) ने 21 अगस्त को ‘आतंकवाद के पीड़ितों की स्मृति और श्रद्धांजलि के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया है. यूएन ने आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले दुनिया भर के लोगों को श्रद्धांजलि दी.

Terrorism is borderless
आतंकवाद किसी देश सीमा में बंधा नहीं

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2023, 3:13 PM IST

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले दुनिया भर के लोगों को श्रद्धांजलि दी और लोगों से आतंकवाद के पीड़ितों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया.

संयुक्त राष्ट्र के इस कार्यक्रम में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले (umbai terror attack) के एक पीड़ित करमबीर सिंह कांग ने कहा कि आतंकवाद किसी देश की सीमा में बंधा नहीं है और संयुक्त राष्ट्र के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संकट के खात्मे के लिए जोरदार प्रयास करने की आवश्यकता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 अगस्त को ‘आतंकवाद के पीड़ितों की स्मृति और श्रद्धांजलि के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया है। इस दिन समूची दुनिया में आतंकवाद के कारण जान गंवाने वाले लोगों और इसके पीड़ितों को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. यह दिन वैश्विक एकजुटता के महत्व को रेखांकित करता है, साथ ही यह रेखांकित करता है कि पीड़ितों की कहानियों और अनुभवों को नहीं भुलाया गया है.

इस साल के 'आतंकवाद के पीड़ितों की स्मृति और श्रद्धांजलि के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' का विषय 'विरासत : आशा की तलाश और एक शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण' है.

मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे :26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक मुंबई के कई ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर लोगों को बंधक बनाकर रखा था और उनकी हत्याएं की थीं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय दिवस आतंकवादी हमलों में मारे गए और इसके पीड़ितों के 'असाधारण' कार्य को श्रद्धांजलि देने के लिए है जिन्होंने बदलाव लाने के लिए अपने अनुभवों का उपयोग करने का संकल्प लिया है.

उन्होंने लोगों से आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों और इसके पीड़ितों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया और कहा कि 'आतंकवाद के कारण जिन लोगों की जान गई तथा जिनकी जिंदगियां बदल गईं उन्हें कभी नहीं भुलाया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद किया जाए.'

कांग ने सोमवार को आतंकवाद के पीड़ितों की याद में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, 'आतंकवाद किसी देश की सीमा में बंधा नहीं है. यह कहीं भी, किसी भी वक्त कहर ढा सकता है. संयुक्त राष्ट्र को इन मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जो विश्व भर में हमें प्रभावित करते हैं.'

कांग ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश सहयोग करें और इस संकट को समाप्त करें. यह आसान नहीं है. यह कहना आसान है लेकिन करना आसान नहीं है. लेकिन अगर संकल्प हो तो कुछ भी किया जा सकता है.'

आतंकी हमले के दौरान मुंबई में ताज महल होटल के महा प्रबंधक थे :कांग 26/11 आतंकवादी हमले के दौरान मुंबई में ताज महल होटल के महा प्रबंधक थे. इस हमले में उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटों को खो दिया. आतंकवादी हमले के दौरान कई लोगों की जान बचाने के लिए उन्हें और उनकी टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया था.

कांग ने ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, 'मेरा परिवार होटल की शीर्ष मंजिल पर था. हम वहां अस्थायी रूप से रहते थे. वे भाग नहीं सके.' इतना कहकर वह भावुक हो गए.

अपने वीडियो संदेश में कांग ने उस भयावह त्रासदी को बयां किया जब लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में तबाही और दहशत फैलाई. वह कई वैश्विक मंचों पर अपना अनुभव साझा कर चुके हैं. वह आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वालों और इसके पीड़ितों के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के एक मुखर समर्थक हैं.

कांग ने 2022 में आतंकवाद के पीड़ितों की पहली संयुक्त राष्ट्र वैश्विक कांग्रेस में 'कॉल टू एक्शन' और जून 2023 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 'यूनाइटेड नेशन्स टेररिज्म सॉलिडरिटी ट्री' को समर्पित समारोह में हिस्सा लिया. कांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह में अपनी टिप्पणी में कहा, 'हमले में होटल में मौजूद मेरी पत्नी और दो छोटे बेटों को बचाया नहीं जा सका. एक पल में, मेरी पूरी दुनिया उजड़ गई.'

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के पूर्वोत्तर लॉन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के ठीक पीछे एकजुटता का वृक्ष लगाया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र को भारत का एक उपहार है और इसे दिसंबर 2022 में भारत की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान लगाया गया था.

कांग ने हमले वाले दिन को याद करते हुए कहा कि ताज होटल में करीब 2,000 लोग थे जिसमें 400 होटल के कर्मचारी थे. उन्होंने कहा, 'तीन दिन तक जारी रही इस तबाही में हमने 30 से अधिक अपने मेहमानों और कर्मियों को खो दिया.' कांग और उनके कर्मचारी कुछ स्थानीय पुलिसकर्मियों की मदद से उस रात 1,900 लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे.

अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) ने 'लीगेसी प्रोजेक्ट' नामक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें समूची दुनिया से आतंकवाद के शिकार लोगों एवं पीड़ितों की इंस्टाग्राम पर एक डॉक्युमेंट्री गैलरी प्रदर्शित की गई, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए थे.

इन कहानियों में 2016 में ब्रुसेल्स, बेल्जियम के जेवेंतेम हवाई अड्डे पर आईएसआईएस बमबारी में जीवित बची भारत की निधि चापेकर की कहानी भी शामिल है.

चापेकर भारतीय एयरलाइन जेट एयरवेज में केबिन मैनेजर थीं. चापेकर आतंकी हमले के पीड़ितों का चेहरा बन गईं, जिसमें वह हवाई अड्डे पर एक कुर्सी पर गिरी हुई थीं, उनका चेहरा खून और धूल से सना हुआ था और उनकी पीली जेट एयरवेज की वर्दी का ब्लेजर फटा हुआ था, जिसने दुनिया को हमले और उससे प्रभावित आम नागरिकों की भयावहता दिखाई.

युगांडा, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद पीड़ितों ने भी इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव साझा किए.

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(पीटीआई-भाषा)

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