कोलंबो : श्रीलंका में सैकड़ों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को मध्य कोलंबो के अति सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में अवरोधकों को हटाकर उनके (राष्ट्रपति के) आधिकारिक आवास में घुस गए. प्रदर्शनकारी देश में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके बाद उन्हें अपना घर छोड़कर भागना पड़ा. राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वह प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने और एक सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वे विपक्षी दल के नेताओं की इस सिफारिश से सहमत हैं.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भागे श्रीलंका में अब सर्वदलीय सरकार, जल्द होंगे चुनाव : स्पीकर के घर पर हुई बैठक के बाद सांसद हर्षा डी सिल्वा ने ट्वीट कर बताया कि मीटिंग में तय हुआ कि राष्ट्रपति और पीएम तुरंत पद छोड़ें. अधिकतम 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्ति किया जाए. अगले कुछ दिनों में अंतरिम सर्वदलीय सरकार की नियुक्त की जाए और जल्द चुनाव कराए जाएं.
इस संबंध में सांसद रऊफ हकीम ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि एक संभावना यह भी है कि अध्यक्ष संविधान के अनुसार अस्थायी राष्ट्रपति का पद संभालें. उन्होंने ट्वीट किया, 'अध्यक्ष के आवास पर तत्काल पार्टी नेता की बैठक हो रही है. प्रधानमंत्री, अनुरा कुमारा दिसानायके और एम.ए. सुमनथिरन सहित कई अन्य नेताओं ने वीसी के माध्यम से भाग लिया.'
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
बता दें कि राजपक्षे अप्रैल में प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. उधर, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की अपील की है. सरकार ने एहतियात बरतते हुए सभी स्कूलों के साथ चार स्टेट यूनिवर्सिटी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
राष्ट्रपति आवास में काम करने वाले लोगों ने बताया कि शनिवार के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को ही आवास खाली कर दिया था. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं तथा गोलियां चलायी, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी अवरोधकों को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए. इस बीच, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जनता के प्रदर्शन से देश में पैदा हुए संकट पर चर्चा करने के लिए शनिवार को राजनीतिक दल के नेताओं की तत्काल बैठक बुलायी.
विक्रमसिंघे के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने पार्टी की तत्काल बैठक बुलायी है और स्पीकर से तत्काल संसद का सत्र बुलाने का अनुरोध किया है. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास की दीवारों पर चढ़ गए और वे अंदर ही हैं. हालांकि, उन्होंने किसी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही किसी तरह की हिंसा की है. वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कथित तौर पर कहा है कि पीएम रानिल विक्रमासिंघे की बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह उसका सम्मान करेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अपने फैसले से अवगत करा दिया है.
इस बीच, प्रदर्शनों के दौरान दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 30 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. श्रीलंका में उग्र प्रदर्शन के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एसजेबी सांसद रजिता सेनारत्ने पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया है. वहीं वह उनके बचते हुए भाग रहे हैं. इसी क्रम में श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने कोलंबो में हालिया विरोध प्रदर्शन पर कहा कि मैं भी विरोध का हिस्सा हूं और लोगों की मांग के साथ खड़ा हूं. उन्होंने कहा कि यह विरोध तीन महीने से अधिक समय से चल रहा है.
प्रदर्शनकारियों की गाले, कैंडी और मतारा शहरों में रेलवे प्राधिकारियों से भी झड़प हुई और उन्होंने प्राधिकारियों को कोलंबो के लिए ट्रेन चलाने पर विवश कर दिया. इलाके में पुलिस, विशेष कार्य बल और सेना की बड़ी टुकड़ियों को तैनात किया गया है. 'व्होल कंट्री टू कोलंबो' आंदोलन के आयोजकों ने कहा कि लोग कोलंबो फोर्ट में प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होने के लिए उपनगरों से पैदल निकल रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते हैं.
इससे पहले श्रीलंका पुलिस ने शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद शनिवार को सात संभागों से कर्फ्यू हटा लिया. पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था. श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया था.
बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.' श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने कर्फ्यू को मानवाधिकारों का घोर हनन बताया है. गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया
श्रीलंका में शनिवार को होने वाले व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया था और वह फिलहाल कहां पर हैं, इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है.
सूत्रों के मुताबिक, शनिवार के विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर राजपक्षे को शुक्रवार को ही उनके आवास से हटा दिया गया था और वह फिलहाल कहां पर हैं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को कोलंबो बंदरगाह पर खड़े श्रीलंकाई नौसेना के गजबाहू जहाज पर सामान भेजे जाने की खबरें सामने आई हैं. कोलंबो बंदरगाह के हार्बर मास्टर ने कहा कि एक समूह एसएलएनएस सिंदुराला और एसएलएनएस गजबाहू पर सवार हुआ तथा बंदरगाह से निकल गया. हालांकि, वह जहाज में सवार होने वाले लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकते, न ही यह बता सकते हैं कि वे कहां गए हैं.
इससे पहले, सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में वीआईपी वाहनों के एक काफिले को कोलंबो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तरफ जाते हुए देखा गया, जहां श्रीलंका एयरलाइंस का एक विमान इंतजार में खड़ा था. उधर, राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर फोर्ट इलाके में बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोगों के घायल होने की खबर हैं.
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(इनपुट-एजेंसी)