नई दिल्ली: बांग्लादेश के चुनावों को भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कहा जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना की रविवार को लगातार चौथी और कुल मिलाकर पांचवीं बार भारी जीत देखी गई. शेख हसीना की जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है. भारत के सबसे करीबी दोस्तों और सहयोगियों में से एक के रूप में देखी जाने वाली शेख हसीना ने पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा दिया है.
नया साल 2024 निश्चित रूप से नई दिल्ली और ढाका के संबंधों के लिए नई ऊंचाईयां लाने के लिए तैयार है. हसीना और उनकी सरकार भारतीय चिंताओं के प्रति हमेशा संवेदनशील रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में बांग्लादेश के जहांगीरनगर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शेख अदनान फहद ने कहा कि 'अवामी लीग की जीत भूख और गरीबी मुक्त दक्षिण एशिया के निर्माण में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थायी भूमिका निभाएगी.'
उन्होंने आगे कहा कि 'विशेष रूप से, 12वें राष्ट्रीय चुनाव में अवामी लीग सरकार की लगातार जीत बांग्लादेश के चल रहे विकास प्रयास को जारी रखने के लिए अपरिहार्य थी.' उन्होंने राय दी कि यह बांग्लादेश-भारत की द्विपक्षीय प्रगति को भी गति में रखेगा. प्रोफेसर ने आगे कहा कि 'चूंकि बांग्लादेश और भारत दोनों सांप्रदायिकता और उग्रवाद की चुनौतियों से लड़ने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं, अवामी लीग की यह शानदार जीत विशेष महत्व रखती है.'
उन्होंने आगे कहा कि 'शेख हसीना की यह जीत हर सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में बांग्लादेश और भारत की संयुक्त प्रगति को दूरगामी आधार देगी.' याद रखें, भारत और बांग्लादेश 4,100 किलोमीटर लंबी सीमा और गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध साझा करते हैं. एक स्थिर, समृद्ध और मैत्रीपूर्ण बांग्लादेश निश्चित रूप से भारत के सर्वोत्तम हित में है.
इस बार जो बात अधिक दिलचस्प थी वह यह कि देश के 12वें आम चुनाव में इसके इतिहास में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया. चुनाव कराने के लिए तटस्थ कार्यवाहक सरकार की बांग्लादेश नेशनल पार्टी की मांग को स्वीकार करने से हसीना के इनकार के बाद कम मतदान प्रतिशत हुआ. हालांकि, बीएनपी ने चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया.