वाशिंगटन : सीरिया में रूसी अभियान के दौरान असैन्य नागरिकों पर बमबारी करने के लिए कुख्यात जनरल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने यूक्रेन में हमले की कमान सौंपी है. गौरतलब है कि 1991 में मिखाईल गोर्बाचेव का तख्ता पलट करने की असफल कोशिश के दौरान मॉस्को में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत में भी इन्हीं जनरल की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. इस घटना के बाद ही पूर्ववर्ती सोवियत संघ का विघटन हो गया.
बेहद आक्रामक मुख-मुद्रा वाले जनरल सेरगी सुरोविकिन (General Sergey Surovikin) को आठ अक्टूबर को यूक्रेन में रूसी बलों की कमान सौंपी गयी. पुतिन ने क्रीमिया में सामरिक/रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पुल पर 'ट्रक बम' से किए गए हमले के बाद 56 वर्षीय जनरल को कमान सौंपी. क्रीमिया पुल पर हुए हमले से न सिर्फ क्रेमलिन को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, बल्कि रूसी सैनिकों को उपकरणों और साजो-सामान की दिक्कत भी होने लगी है.
इस घटना के बाद रूस ने यूक्रेन में बेहद आक्रामक हवाई हमले किए हैं. पुतिन का कहना है कि इन हमलों का लक्ष्य ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचों और यूक्रेन के सैन्य कमान के विभिन्न पोस्ट को निशाना बनाना है. ऐसे हमले रोजाना हो रहे हैं और क्रूज मिसाइल तथा ईरान में निर्मित ड्रोन की मदद से ऊर्जा संयंत्रों और अन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि यूक्रेन में युद्ध की कमान संभालने के साथ-साथ सुरोविकिन वायुसेना के प्रमुख भी बने रहेंगे और इस कारण उनके लिए सैन्य अभियान के दौरान हवाई हमला करना आसान होगा.
हाल में हुई बमबारी के बाद रूस के कुछ 'युद्ध ब्लॉगर्स' ने सुरोविकिन के हवाले से कहा है कि उनका लक्ष्य नए जोश के साथ लगातार हमले करने और यूक्रेन सरकार को झुकने पर मजबूर करना है. ब्लॉगर के अनुसार, वायुसेना प्रमुख ने कहा, 'मैं नाटो द्वारा दिए गए हथियारों से सुसज्जित उन्मादियों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध (घात लगाकर हमला करना) में रूसी सैनिकों को जान गंवाने देना नहीं चाहता.' उन्होंने कहा, 'यूक्रेन को समर्पण करने के लिए मजबूर करने को हमारे पास पर्याप्त तकनीकी उपाय हैं.'