मॉस्को : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात की. एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लक्ष्यों की सर्वोत्तम सेवा के बारे में बात की. अफगानिस्तान के अनेक क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई. हमने चर्चा की कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए अपना समर्थन कैसे जारी रखें.
जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे महत्वपूर्ण और पुराने संबंध हैं. हम इस संबंध का विस्तार करने और इसे और अधिक टिकाऊ बनाने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं. हमने उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां दोनों देशों के बीच स्वाभाविक हित हैं.
जयशंकर ने कहा कि तेल आपूर्ति के मुद्दे के संबंध में ऊर्जा बाजार पर दबाव है... लेकिन तेल और गैस के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में, यह सुनिश्चित करना हमारा मौलिक दायित्व है कि भारतीय उपभोक्ता को सबसे अधिक लाभप्रद शर्तों पर सर्वोत्तम संभव पहुंच प्राप्त हो. जयशंकर ने कहा कि हमें किफायती स्रोतों की तलाश करने की आवश्यकता है, इसलिए भारत-रूस संबंध हमारे लाभ के लिए काम करते हैं. हम इसे जारी रखेंगे.
'भारत, रूस के संबंध असाधारण रूप से दृढ़' : इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लॉवरोव से बातचीत की और कहा कि भारत और रूस के संबंध 'असाधारण' रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब आर्थिक सहयोग बढ़ने की पृष्ठभूमि में अब दोनों देशों का उद्देश्य ए, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होना चाहिए.
बैठक के दौरान अपने शुरुआती संबोधन में जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी, व्यापार एवं कारोबारी मुश्किलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, 'अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं. आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है.' विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा.’'