नई दिल्ली: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अनुमोदित एक अद्यतन विदेश नीति के अनुसार रूस यूरेशिया में भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी और व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. इस नीति के अनुसार रूस गैरमित्र देशों और उनके साझेदारों की ‘‘विनाशकारी गतिविधियों को रोकना सुनिश्चित करेगा. मॉस्को के यूक्रेन पर हमले के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे. कई पश्चिमी देशों में बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ गया है. अद्यतन विदेश नीति के अनुसार, यूरेशिया में रूस भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी और व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
नई विदेश नीति की रणनीति के तहत रूस ब्रिक्स, एससीओ और आरआईसी के साथ संबंधों पर भी ध्यान दे रहा है.
एक बहुध्रुवीय दुनिया की वास्तविकताओं के लिए विश्व व्यवस्था को अनुकूलित करने में मदद करने के लिए, रूस ब्रिक्स के अंतरराज्यीय संघ, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल की क्षमता और (CIS), यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO), RIC (रूस, भारत, चीन), अन्य अंतरराज्यीय संघों और अंतर्राष्ट्रीय भूमिका को बढ़ाने के लिए इसे अपनी प्राथमिकताओं में से एक बनाना चाहता है.