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Russia opens criminal probe : मॉस्को ने पुतिन के वारंट को लेकर ICC के खिलाफ आपराधिक मामला खोला

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने वारंट जारी किया है. इसके बाद रूस ने कहा था कि उसके लिए ये वारंट मायने नहीं रखता. अब रूस ने आईसीसी के जजों के खिलाफ पुराने मामले खोल दिए हैं (Russia opens criminal probe).

Russia opens criminal probe into ICC
रूस के राष्ट्रपति पुतिन

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Published : Mar 20, 2023, 9:42 PM IST

मॉस्को : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाले अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक और न्यायाधीश आपराधिक मामले का निशाना बन गए हैं. रूस की जांच समिति ने सोमवार को इसकी घोषणा की. रूस की न्यूज एजेंसी आरटी ने कहा एक टेलीग्राम पोस्ट में, समिति ने कहा कि उसने कउउ के अभियोजक करीम अहमद खान के साथ-साथ न्यायाधीशों टोमोको अकाने, रोसारियो सल्वाटोर ऐताला और सर्जियो गेराडरे उगलदे गोडिनेज के खिलाफ मामले खोले हैं (Russia opens criminal probe).

खान ने 22 फरवरी को आईसीसी प्री-ट्रायल चैंबर को एक याचिका भेजी थी जिसमें पुतिन और रूस की बाल अधिकार आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा की गिरफ्तारी के लिए वारंट प्राप्त करने के लिए कहा गया था, जिस पर उन्होंने यूक्रेन से बच्चों के अवैध निर्वासन के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था.

आरटी ने बताया- याचिका को उपरोक्त न्यायाधीशों द्वारा अनुमोदित किया गया था. रूस की जांच समिति ने आईसीसी के मुकदमों को स्पष्ट रूप से अवैध, क्योंकि आपराधिक दायित्व के लिए कोई आधार नहीं है के रूप में वर्णित किया है. इसने 1973 के यूएन प्रोटेक्शन ऑफ डिप्लोमैट्स कन्वेंशन की ओर भी इशारा किया, जो राज्यों के प्रमुखों को विदेशी देशों के अधिकार क्षेत्र से पूर्ण प्रतिरक्षा प्रदान करता है.

समिति खान के कार्यों को रूसी कानून के तहत जानबूझकर एक निर्दोष व्यक्ति को आपराधिक दायित्व में लाने के लिए, व्यक्ति पर गंभीर या विशेष रूप से गंभीर अपराध करने का अवैध रूप से आरोप लगाने के लिए अपराध मानती है. आरटी ने बताया कि उन पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को जटिल बनाने के इरादे से विदेशी राज्य के प्रतिनिधि पर हमले की तैयारी करने का भी आरोप है.

तीन न्यायाधीशों पर विदेशी राज्य के प्रतिनिधि पर हमला करने के साथ-साथ जानबूझकर अवैध हिरासत का प्रयास करने का आरोप लगाया जा रहा है. पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने सुझाव दिया कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के पतन का संकेत था, रूस ने आईसीसी वारंट की अवहेलना की, क्योंकि इसका कोई कानूनी आधार नहीं था. उन्होंने कहा कि इसका हाई-प्रोफाइल संदिग्धों को जवाबदेह, स्पष्ट समर्थक पश्चिमी पूर्वाग्रह रखने का एक खराब रिकॉर्ड था और अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्ध अपराधों की जांच करने में विफल रहा था.

पढ़ें- Putin arrest warrant : ICC ने पुतिन के खिलाफ जारी किया अरेस्ट वारंट, रूस बोला-इसका कोई मतलब नहीं

(आईएएनएस)

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