दोहा : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu) ने रविवार को कतर के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सानी (Qatar PM Sheikh Khalid bin Khalifa bin Abdulaziz Al Thani) से यहां मुलाकात की और दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की तथा व्यापार, निवेश, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग समेत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की.
नायडू का शनिवार को यहां पहुंचने पर दोहा हवाई अड्डे पर रस्मी स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उपराष्ट्रपति 30 मई से सात जून तक तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण में अरब मुल्क पहुंचे हैं. उनके आगमन पर भारतीय समुदाय ने भी उनका स्वागत किया. उनकी कतर यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे हैं.
उपराष्ट्रपति नायडू और कतर के पीएम अब्दुल अज़ीज़ अल सानी के साथ दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रविवार को कहा कि उपराष्ट्रपति नायडू और कतर के प्रधानमंत्री अब्दुल अज़ीज़ अल सानी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की. बागची ने ट्वीट किया, 'कतर के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री, शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सानी ने दोहा में अमीरी दीवान में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की अगवानी की. दोनों पक्षों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और व्यापार, निवेश, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की.'
इस यात्रा के दौरान नायडू का कतर के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलने का कार्यक्रम है. वह कतर में व्यापार गोलमेज सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'लोगों का आपसी संपर्क भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक रिश्ते के केंद्र में हैं. कतर में 7,50,000 से अधिक भारतीय हैं.' बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच बहुआयामी सहयोग ने आर्थिक, ऊर्जा, निवेश, शिक्षा, रक्षा और सांस्कृतिक रिश्तों में अहम वृद्धि देखी है.
उसमें कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर को पार कर गया. कतर ने पिछले दो सालों में विभिन्न भारतीय कंपनियों में दो अरब डॉलर से अधिक के निवेश की भी प्रतिबद्धता जताई है.' नायडू सेनेगल से यहां पहुंचे जहां उन्होंने एक राष्ट्र के जीवन में विधायिका की अहम भूमिका पर जोर दिया और सेनेगल के लोकतांत्रिक लोकाचार की सराहना की, जिससे यह भारत का स्वभाविक विकास भागीदार बन गया. भारत और सेनेगल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के इस साल 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं. गैबॉन और सेनेगल की नायडू की यात्रा का उद्देश्य अफ्रीका के साथ भारत के जुड़ाव को गति देना और अफ्रीकी महाद्वीप के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देना था.
ये भी पढ़ें - नायडू ने भारत-सेनेगल व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद जताई
(पीटीआई-भाषा)