इस्लामाबाद:पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक खबर को लेकर शुरू हुए राजनीतिक विवाद का फायदा उठाने की कोशिश की थी और खुद के लिए तीन साल का विस्तार मांगा था. स्थानीय मीडिया में बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक खबर में यह दावा किया गया है. खबर के अनुसार, 2013 से 2016 तक पाकिस्तान के सेना प्रमुख के रूप में सेवा देने वाले जनरल (सेवानिवृत्त) राहील शरीफ अपने पूर्ववर्ती अशफाक परवेज कयानी और उत्तराधिकारी बाजवा की तरह ही विस्तार पाने के इच्छुक थे.
खबर में कहा गया है कि बाजवा के कार्यकाल के अंत में समाचार पत्र 'डॉन' में एक खबर छपी थी, जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में उन्हें आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है, वरना देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया जाएगा. इसमें कहा गया है कि खबर से सशस्त्र बलों में नाराजगी थी, क्योंकि इसमें आतंकवादी संगठनों और सेना के बीच संबंध का आरोप लगाया गया था.
उर्दू खबर पत्रकार शाहिद मैतला के साथ बाजवा के साक्षात्कार पर आधारित इस खबर को समाचार वेबसाइट 'पाकिस्तान24डॉटटीवी' ने बुधवार को प्रकाशित किया. इसमें बाजवा ने 'डॉन की खबर' से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा होने की बात को खारिज किया है. खबर में मैतला ने पूर्व सेना प्रमुख के हवाले से कहा है, 'डॉन की खबर में कुछ भी नहीं है.'
बाजवा ने कथित तौर पर कहा, 'लेकिन मैं कनिष्ठ अधिकारियों ने जहां भी मिलता, वे मुझसे मामले के बारे में पूछते. फिर मैंने चौधरी निसार (तत्कालीन गृह मंत्री) और इशाक डार (तत्कालीन वित्त मंत्री) से बात की और सुझाव दिया कि वे पत्रकारों के मामलों (कथित रूप से डॉन लीक मामले में शामिल पत्रकारों के मामले) को सीपीएनई (पाकिस्तान समाचार पत्र संपादकों की परिषद) के पास भेजें, क्योंकि मैं इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहता. इसके बाद अन्य के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई का फैसला किया गया.'
बाजवा (62) ने नवाज शरीफ के साथ अपनी उस बातचीत का भी जिक्र किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें उनके पूर्ववर्ती जनरल राहील के बारे में बताया था, जो पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस) के पूर्व प्रमुख रिजवान अख्तर के साथ मिलकर उन्हें तीन साल का विस्तार देने पर जोर दे रहे थे. साक्षात्कार में बाजवा के हवाले से कहा गया है, 'जब मैंने डॉन की खबर के बारे में नवाज शरीफ से बात की, तो उन्होंने मुझे बताया कि जनरल राहील शरीफ और जनरल रिजवान अख्तर उनसे मिलने आए थे और जनरल राहील को तीन साल का सेवा विस्तार देने पर जोर दे रहे थे.'