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Political Crisis In Pak: पाकिस्तान में राजनीतिक संकट की वजह से लागू हो सकता है सैन्य कानून: सिराजुल हक - पाकिस्तान डेमोक्रोटिक मूवमेंट

पाकिस्तान के दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक ने मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी की है. उनका कहना है कि देश में सैन्य कानून लागू किया जा सकता है. ऐसा सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बीच खींचतान की वजह से हो सकता है.

Jamaat-e-Islami party chief Sirajul Haque
जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक

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Published : Mar 26, 2023, 10:17 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेआई) पार्टी के प्रमुख सिराजुल हक का कहना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ (पीटीआई) के बीच जारी खींचतान की वजह से देश में सैन्य कानून लागू हो सकता है. मीडिया में रविवार को प्रकाशित खबरों से यह जानकारी मिली है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को अविश्वास मत के जरिये पदच्युत किए जाने के बाद से नकदी संकट से जूझ रहा देश राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है.

'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने हक के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान डेमोक्रोटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार देश के लिए बोझ बन चुकी है. हक ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान के विपक्षी दल के बीच जारी खींचतान की वजह से देश में सैन्य कानून लागू हो सकता है. देश में आम चुनाव का प्रस्ताव करते हुए हक ने सरकार द्वारा प्रदर्शनों को दबाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी राजनीतिक दलों का संवैधानिक अधिकार है.

हक ने शुक्रवार को लाहौर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार और निर्वाचन आयोग चुनाव कराने से मना करके संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब की कार्यवाहक सरकार पीडीएम का हिस्सा है.

हक ने कहा कि उनके (कार्यवाहक सरकार के) बयानों को देख कर लगता है कि वे लंबे समय तक रहेंगे. मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह देश लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये अस्तित्व में आया और केवल लोकतांत्रिक कार्रवाई से ही बना रह सकता है.

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उन्होंने कहा कि अंसवैधानिक कदमों से बचा जाना चाहिए. जमात-ए-इस्लामी (जेआई) पार्टी के प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि संविधान को कमतर करने की किसी पहल का वह विरोध करेंगे और ऐसा करने पर गंभीर परिणाम होंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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