इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने उनकी सरकार पर कुछ राजनीतिक दलों के प्रति पक्षपाती होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आम चुनाव कराना तथा निर्वाचित सरकार को जिम्मेदारियां सौंपना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी. पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव की 'पारदर्शिता' के बारे में दो प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, काकड़ ने रविवार रात कहा कि 'पीड़ित कार्ड' का खेल कोई भी राजनीतिक दल आसानी से खेल सकता है. पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को चुनाव होने हैं.
जैसे-जैसे आम चुनाव करीब आ रहे हैं, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बार-बार शिकायत कर रहे हैं कि चुनावों से पहले उन्हें समान अवसर से वंचित किया जा रहा है. मुख्यधारा की दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि कार्यवाहक सरकार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी को 'तरजीह' दे रही है और पीएमएल-एन की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इससे पहले, पीपीपी के उपाध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने अपनी पार्टी को कभी भी समान अवसर नहीं दिये जाने की शिकायत करते हुए कहा था कि पीपीपी चुनावों से पहले खुद को साबित करने के लिए समान अवसर नहीं मिलने से लगातार चिंता व्यक्त करती आ रही है. पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के नेतृत्व का दावा है कि उन्हें चुनाव अभियान चलाने की भी अनुमति नहीं है. स्थिति स्पष्ट करने के लिए, काकड़ ने रविवार रात ‘जियो न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'जल्द से जल्द चुनाव कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.'
उन्होंने कहा, 'हम जिम्मेदारियां (आगामी) चुनी हुई सरकार को सौंपना चाहते हैं.' मुख्यधारा के दो दलों द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री ने पूछा, 'हमने ऐसा क्या किया है कि एक नकारात्मक धारणा बनाई जा रही है कि हमारा किसी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपाती रवैया है?' उन्होंने पूछा कि क्या उनकी सरकार ने 'पूर्व प्रधानमंत्री (इमरान खान) को जेल भेजा था?'