इस्लामाबाद : पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन ‘सीनेट’ ने ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आम चुनाव में देरी किए जाने की मांग करने संबंधी एक प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने से आठ फरवरी को प्रस्तावित आम चुनावों से पहले राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई है. निर्दलीय सांसद दिलावर खान ने उच्च सदन में यह प्रस्ताव पेश किया,जिसे पारित कर दिया गया.
वहीं, सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने इस कदम का विरोध किया. सांसद खान ने कहा कि देश के ज्यादातर क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसलिए उन क्षेत्रों के लोगों का चुनाव में भाग ले पाना संभव नहीं होगा. सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख फजलुर रहमान पर हमले की घटना भी शामिल है.
उन्होंने कहा, 'यहां तक कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (प्रांत) में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया जा रहा है.' 'डॉन' समाचार पत्र की खबर के अनुसार यह प्रस्ताव केवल 14 सांसदों की मौजूदगी में पारित किया गया. सीनेट के इस कदम से देश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है. इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने पर संदेह जताया और 2022 में उन्हें सत्ता से अमेरिका के दबाव में हटाए जाने की बात दोहराई.