दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

Pakistan Political Crisis: सेना का समर्थन न मिलने से परेशान हैं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान: बिलावल भुट्टो - पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो

पीटीआई अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इसलिए परेशान हैं क्योंकि सेना उनका समर्थन नहीं कर रही है.

Political Crisis in Pakistan
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट

By

Published : Jun 11, 2023, 6:06 PM IST

कराची:पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान राजनीति में सेना के दखल के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि पूर्व प्रधान मंत्री सेना से केवल इसलिए परेशान हैं क्योंकि वह अब उनका समर्थन नहीं कर रही है. बिलावल, जो पीपीपी अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं, उन्होंने अल जजीरा के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि खान की पाकिस्तानी सेना के साथ समस्या पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई थी, जब सेना ने घोषणा की कि वह राजनीति में शामिल नहीं होगी और पक्ष नहीं लेगी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में सेना के साथ खान का मुद्दा यह नहीं है कि वे राजनीति में शामिल है, बल्कि सेना के साथ उनकी समस्या यह है कि वे उनका समर्थन करने के लिए शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में सेना की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. हमारा आधे से अधिक इतिहास सैन्य शासन द्वारा कवर किया गया है. मेरी पार्टी, पीपीपी ने पाकिस्तान के इतिहास में हर एक तानाशाही को चुनौती दी है.

बिलावल ने कहा कि इमरान ने पाकिस्तान में हर तानाशाही का समर्थन किया है, इसमें पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ की आखिरी तानाशाही भी शामिल है. खान का राजनीतिक इतिहास यह है कि उन्होंने हर तानाशाह का समर्थन किया है और उन्होंने पाकिस्तान के इतिहास में हर निरंकुश का समर्थन किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि 2018 में इमरान खान की सत्ता में वृद्धि अच्छी तरह से प्रलेखित है.

यह एक स्थापित तथ्य है कि उन्हें पाकिस्तानी सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों के सहयोग से एक धांधली चुनाव के माध्यम से सत्ता में लाया गया था. उन्होंने कहा कि 9 मई को हुई कार्रवाई से अधिकांश पाकिस्तानी बहुत आहत हैं, जहां खान ने अपने समर्थकों को सेना के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित किया.

लाहौर में कॉर्प कमांडर हाउस, रावलपिंडी में जीएचक्यू (सामान्य मुख्यालय) और कई सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह का हमला कभी नहीं किया गया है और अब जो लोग हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों पर इन हमलों में शामिल थे, उन्हें देश के कानून के परिणामों का सामना करना होगा.

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details