कराची : कराची पुलिस ने पाकिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल एआरवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सीईओ, सलमान इकबाल और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. इन पर पीटीआई के नेता शहबाज गिल की विवादास्पद टिप्पणी को एयर करने का आरोप है. पुलिस ने एआरवाई न्यूज के प्रमुख अहमद युसूफ को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है. एफआईआर में एआरवाई न्यूज के प्रोड्यूसर अदिल रजा, युसूफ और एंकर अर्शद शरीफ और ख्वार गुमान का भी नाम शामिल है. यह मामला पुलिस ने खुद दर्ज किया है.
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के एक करीबी सहयोगी को चैनल पर साक्षात्कार के दौरान कथित रूप से राजद्रोह संबंधी बयान देने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले चैनल के प्रसारण पर भी रोक लगा दी गयी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शहबाज गिल ने सोमवार को एआरवाई के एक समाचार कार्यक्रम में भाग लिया था और पूर्व प्रधानमंत्री को सेना के खिलाफ दर्शाने के लिए शहबाज शरीफ सरकार की तीखी आलोचना की थी.
पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने चैनल पर प्रसारित सामग्री को झूठा, नफरत फैलाने वाला और राजद्रोह बताते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. प्राधिकरण ने कहा कि साक्षात्कार 'पूरी तरह भ्रामक सूचना के साथ सशस्त्र बलों में विद्रोह को उकसाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पष्ट रूप से खतरा पैदा किया गया.' खान से करीबी संबंध रखने वाले चैनल का प्रसारण रोक दिया गया. इसके बाद गिल को गिरफ्तार किया गया.
इस्लामाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि खान के प्रवक्ता गिल को देश की संस्थाओं के खिलाफ बयानबाजी करने तथा लोगों को विद्रोह के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पीटीआई अध्यक्ष खान ने गिल की गिरफ्तारी को अगवा करने की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा, 'यह अपहरण है, गिरफ्तारी नहीं. क्या किसी लोकतंत्र में ऐसी शर्मनाक हरकतें हो सकती हैं ? राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दुश्मन समझा जाता है.' पीटीआई के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, 'शहबाज गिल को बिना नंबर प्लेट वाली कार में आए अज्ञात लोगों ने बानिगाला चौक से पकड़ा.'
पुलिस ने अपने नोटिस में कहा कि गिल को एक टेलीफोन कॉल के माध्यम से आमंत्रित किया गया था. गिल ने चैनल के साथ बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार पीटीआई के खिलाफ सेना के निचले और मध्यम स्तर को भड़काने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने कहा कि इस तरह का बयान देशद्रोह से पूर्ण है. गिल ने कहा था कि जावेद लतीफ, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अयाज सादिक सहित सरकारी नेताओं ने अतीत में सेना की खूब आलोचना की थी, जबकि आज वे सरकारी पदों पर आसीन हैं.