इस्लामाबाद : पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को अवमानना के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. इसके साथ ही ईसीपी ने समान अपराध के लिए पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के खिलाफ भी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. ईसीपी ने पिछले साल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान और पार्टी के पूर्व नेताओं चौधरी तथा असद उमर के खिलाफ चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के खिलाफ कथित तौर पर 'अमर्यादित' भाषा का इस्तेमाल करने के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू की थी. खान और चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट आदेश ईसीपी के सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ द्वारा पारित किया गया, जब दोनों पीटीआई नेता कई चेतावनियों के बावजूद मंगलवार को उसके सामने पेश नहीं हुए.
हालांकि, उमर को राहत दे दी गई जब उनके वकील ने ईसीपी को बताया कि उन्हें एक और मामले में पेश होना है और उन्होंने चिकित्सा वजहों का उल्लेख करते हुए हाजिर होने से छूट का अनुरोध किया. निर्वाचन आयोग ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और वकील को इस संबंध में एक औपचारिक अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, लेकिन उसने खान और चौधरी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया तथा सुनवाई 25 जुलाई तक स्थगित कर दी. ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए निजी रूप से या अपने वकील के माध्यम से उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने ईसीपी नोटिस और अवमानना कार्यवाही को उच्च न्यायालयों में चुनौती दी. लंबी कार्यवाही के बाद जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने ईसीपी को खान, चौधरी और उमर के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी. इसके बाद, ईसीपी ने उनके खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया.