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Published : Jun 24, 2023, 11:04 AM IST

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पाक पीएम का छाता छीनने का वीडियो हुआ वायरल, नेटिजन ने ली मौज

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तरह उनके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी अक्सर घबराये हुए रहते हैं. घबराहट की हालत में वह कुछ ऐसा कर जाते हैं कि इंटरनेट पर उनकी चर्चा होने लगती है. पढ़ें, पेरिस में क्यों उन्होंने छीना छाता, नेटिजन ने कैसे ली उनकी मौज...

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नई दिल्ली : न्यू ग्लोबल फाइनेंसिंग पैक्ट समिट के लिए पेरिस के पैलैस ब्रोग्नियार्ट में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के आगमन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा पैदा कर रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि शहबाज शिखर सम्मेलन स्थल पर अपनी कार से बाहर निकलते हैं और एक महिला परीचारिका उन्हें रिसीव करती है. उस समय पेरिस में बारिश हो रही थी. महिला परिचारिका पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के पीछे एक छाता लेकर चल रही थी.

कुछ कदम चलने के बाद ही शहबाज महिला परिचारिका से छाता ले लेते हैं. उसे बारिश में भींगता छोड़ कर वह प्रवेश द्वार की ओर चल देते हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला परिचारिका उनके पीछे-पीछे बारिश में भींगते हुए चल रही है. शहबाज इमारत में प्रवेश कर जाते हैं जहां उनका स्वागत फ्रांस की यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना करती हैं. दिलचस्प बात यह है कि यह वीडियो पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया गया है.

इस वीडियो पर कमेंट करते हुए कई लोगों ने महिला को बारिश में छोड़ने के लिए शहबाज की आलोचना की. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि महिला परिचारिका से छाता लेने की क्या जरूरत थी? उसे पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ को प्रवेश द्वार तक ले जाने का काम सौंपा गया था. उस महिला के हाथ से छाता लेकर शहबाज ने उन्हें भींगता हुआ छोड़ दिया. हो सकता है शहबाज का इरादा कुछ अच्छा रहा हो लेकिन यह बिल्कुल विचारहीन कदम था.

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एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि उसका इरादा सही था लेकिन यह हास्यास्पद लग रहा है. वह (पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ) अनजान और घबराया हुये लग रहे हैं. वास्तव में उसे मार्गदर्शन करने के लिए कुछ अच्छे लोगों की ज़रूरत है. एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्वयं इस वीडियो को ट्वीट किया, यह सबसे अच्छी बात है. (हालांकि वह सिर्फ सम्मानजनक बनने की कोशिश कर रहे थे, किसी महिला को अपने लिए छाता पकड़ने नहीं दे रहे थे.. लेकिन).

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