बीजिंग: चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई के प्रशासन ने अपने यांगपू जिले के सभी 13 लाख लोगों की कोविड-19 की जांच के शुक्रवार आदेश दिए. साथ में यह भी फरमान जारी किया है कि जांच रिपोर्ट आने तक लोग घरों से न निकलें. इसी तरह के आदेश इस साल गर्मियों में भी दिए गए थे जिस के बाद पूरे शहर में दो महीने तक लॉकडाउन लागू रहा था. इससे ढाई करोड़ की आबादी वाले शहर की स्थानीय अर्थव्यवस्था तबाह हो गई थी, खाद्यान्न की कमी पड़ गई थी. लोगों तथा अधिकारियों के बीच टकराव हो गया था.
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चीन अपनी 'शून्य कोविड' नीति पर कायम है और इस हफ्ते हुए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन के बाद सरकार ने इस नीति पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है. वहीं चीन के लोगों को कोरोना वायरस रोधी कड़े उपायों से राहत की उम्मीद है, क्योंकि यह उपाय अब भी देश में लागू हैं जबकि दुनिया के कई देशों ने इन्हें हटाना शुरू कर दिया है. चीन की सीमाएं मुख्यत: बंद हैं और देश पहुंचने पर 10 दिन तक पृथक-वास में रहना होता है.
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चीन में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 1337 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई और दो मरीजों की मौत हुई है. इनमें से ज्यादातर मरीज़ों में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था. शंघाई में 11 ऐसे मरीज मिले हैं जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था. तिब्बत में पांच ऐसे मामले मिले हैं. चीन ने है कि देश में कोविड के कुल मामले 258,660 हो गए हैं जबकि 5226 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है. इस बीच कारोबारी पत्रिका 'काईचिन' के मुताबिक, चीन में पाबंदियां बरकरार रहने के संकेत हैं और शंघाई हुआनपू नदी में एक द्वीप पर स्थायी पृथक-वास केंद्र बनाने की योजना पर काम कर रहा है. पत्रिका के मुताबिक, इसमें 3,009 पृथक कक्ष और 3250 बिस्तर होंगे और इसके निर्माण का काम छह महीने में पूरा हो जाएगा.