समुद्र द्वीप नाउरू ने ताइवान से तोड़े रिश्ते, चीन की ओर झुकाव बढ़ा - चीन नाउरू के रिश्ते
China Nauru Relations, Taiwan China Relation, समुद्री द्वीप राष्ट्र नाउरू ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करने की घोषणा की है. इसके बारे में नाउरू की सरकार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी. नाउरू ने कहा कि वह एक-चीन सिद्धांत को मान्यता देगा.
नई दिल्ली: एक अत्यधिक भू-राजनीतिक बदलाव में समुद्री द्वीप राष्ट्र नाउरू ने सोमवार को ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करने की घोषणा करते हुए जोर दिया कि बीजिंग की चेतावनियों के बावजूद ताइवान द्वारा एक नया राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वह एक-चीन सिद्धांत को मान्यता देगा.
एक सोशल मीडिया पोस्ट में नाउरू के लोगों की सरकार ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र संकल्प 2,758 का पालन करेगा, जो पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार के रूप में मान्यता देता है और ताइवान को चीन के क्षेत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देता है.'
बयान में कहा गया है कि नाउरू अब ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या आधिकारिक आदान-प्रदान विकसित नहीं करेगा. इसमें कहा गया है कि 'इस बदलाव का किसी भी तरह से अन्य देशों के साथ हमारे मौजूदा मधुर संबंधों को प्रभावित करने का इरादा नहीं है.'
इस विकास की पुष्टि करते हुए, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'गहरे अफसोस के साथ, हम नाउरू के साथ राजनयिक संबंधों को समाप्त करने की घोषणा करते हैं. यह समय न केवल हमारे लोकतांत्रिक चुनावों के खिलाफ चीन का प्रतिशोध है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए सीधी चुनौती भी है. ताइवान अडिग है और भलाई के लिए एक ताकत के रूप में काम करता रहेगा.'
इस बीच सोमवार को मीडिया से मुखातिब हुए, ताइवान के उप विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने चीन पर वित्तीय सहायता के साथ द्वीप राष्ट्र को खरीदने के लिए नाउरू में हाल के राजनीतिक परिवर्तनों का फायदा उठाने का आरोप लगाया. टीएन ने कहा कि 'चीन को लगता है कि वह ऐसे तरीकों से ताइवान को दबा सकता है, मुझे लगता है कि यह गलत है. दुनिया ने ताइवान के लोकतांत्रिक विकास को देखा है. अगर (बीजिंग) ताइवान के राजनयिक संबंधों को जब्त करने के लिए ऐसे घृणित तरीकों का इस्तेमाल करना जारी रखता है, तो दुनिया भर के लोकतांत्रिक देश इसे मान्यता नहीं देंगे.'
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब नाउरू ने ताइवान के साथ संबंधों में तनाव डाला है. साल 2002 में, द्वीप राष्ट्र ने चीन के साथ इसी तरह का राजनयिक बदलाव किया, लेकिन बाद में मई 2005 में ताइवान के साथ संबंध बहाल कर दिए. पूर्व उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने ताइवान का राष्ट्रपति चुनाव जीता और चीन उन्हें अलगाववादी के रूप में देखता है.