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रूसी सेना का चेरनोबिल पर कब्जा बहुत बड़ा जोखिम :परमाणु प्रमुख - यूक्रेन पर रूस का आक्रमण

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा कर बहुत बड़ा जोखिम उठाया है. उन्होंने कहा कि विकिरण का स्तर सामान्य है, लेकिन स्थिति अभी भी स्थिर नहीं है. परमाणु अधिकारियों को सतर्क रहना होगा.

Russian Chernoby seizure risk accident says nuclear chief
रूसी चेरनोबिल जब्ती जोखिम दुर्घटना:परमाणु प्रमुख

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Published : Apr 27, 2022, 8:58 AM IST

Updated : Apr 27, 2022, 12:44 PM IST

चेरनोबिल: दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा के छत्तीस साल बाद अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा कर बहुत बड़ा जोखिम उठाया है. क्षतिग्रस्त संयंत्र के बाहर बारिश की बौछार के दौरान एक छतरी के नीचे खड़े होकर एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि विकिरण का स्तर सामान्य है, लेकिन स्थिति अभी भी स्थिर नहीं है. परमाणु अधिकारियों को सतर्क रहना होगा.

फरवरी में यूक्रेन की राजधानी की ओर जाते समय रूसी सैनिक विकिरण-दूषित चेरनोबिल क्षेत्र में चले गए थे. वे पिछले महीने के अंत में वापस चले गए क्योंकि रूस ने कीव के पास के क्षेत्रों से अपनी सेना को वापस ले लिया और अपना ध्यान पूर्वी यूक्रेन में लड़ने पर केंद्रित कर दिया. साइट तब से वापस यूक्रेनी हाथों में है और बाधित संचार बहाल कर दिया गया है. यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि रूसी सैनिकों ने एक महीने से अधिक समय तक युद्ध के दौरान बंदूक की नोक पर संयंत्र के कर्मचारियों को रखा. इस दौरान कर्मचारी दिन में सिर्फ दो बार भोजन करते थे.

ग्रॉसी ने बिजली व्यवधान सहित कब्जे के दौरान संभावित जोखिमों को कम करने के लिए श्रमिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि हम आपदा के बहुत करीब थे, लेकिन स्थिति बिल्कुल असामान्य और बहुत खतरनाक थी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्विटर पर चेरनोबिल की सालगिरह को याद करते हुए कहा कि सभी को परमाणु ऊर्जा के खतरों का एहसास नहीं है.

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अब यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर रूस की कार्रवाई से मानवता को एक नई तबाही का खतरा है. 26 अप्रैल, 1986 को चेरनोबिल में विस्फोट और आग के कारण रेडियोधर्मी सामग्री वायुमंडल में पहुंचा. इसके बाद रूस सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने क्षेत्र को स्थिर और सुरक्षित करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए. जिस इकाई में विस्फोट और आग लगी थी, उसे एक अत्याधुनिक आवरण में रखा गया था. हालांकि, संयंत्र में खतरा जारी है, क्योंकि खर्च किए गए परमाणु ईंधन की छड़ों को चौबीसों घंटे रखरखाव की आवश्यकता होती है. ईंधन संयंत्र के चार रिएक्टरों से आता है, जो अब बंद हो गए हैं. मार्च की शुरुआत में लड़ाई के दौरान जेपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट का प्रशिक्षण सुविधा को क्षतिग्रस्त हो गया.

(पीटीआई)

Last Updated : Apr 27, 2022, 12:44 PM IST

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