इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सीएए 1 से सीएए 3 के लिए पांच पाकिस्तानी बैंकों की लंबी अवधि की जमा रेटिंग घटा दी है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की रेटिंग बताती है कि पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट का बैंकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जनवरी में मुद्रास्फीति रीडिंग 31.5 प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है. केंद्रीय बैंक की रेपोरेट 20 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है. इसके कारण से उधार लेने वालों को बैंकों से लिए गए ऋणों को चुकाने में परेशानी हो रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय संस्थानों में उधारकर्ताओं का एक बड़ा हिस्सा डिफ्लाट कर सकता है. जिससे गैर-निष्पादित ऋणों (एनपीएल) और बैड डेप्ट्स में वृद्धि होगी. जिससे बैंकों की आय प्रभावित होगी. उनकी संपत्ति की गुणवत्ता बिगड़ने की संभावना है. पाकिस्तान की नकदी-संकटग्रस्त सरकार सबसे बड़ी कर्जदार है. सरकार ने कुल जमा राशि का 85 प्रतिशत कर्ज लिया है. मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक अन्य उधारकर्ताओं में बड़े व्यवसाय और परिवार शामिल हैं. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के अनुसार, डिपॉजिट रेटिंग पर डाउनग्रेड किए जाने वाले पांच बैंकों में एलाइड बैंक लिमिटेड (एबीएल), हबीब बैंक लिमिटेड (एचबीएल), एमसीबी बैंक लिमिटेड (एमसीबी), नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान (एनबीपी) और यूनाइटेड बैंक लिमिटेड (यूबीएल) शामिल है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी खबर में कहा कि बैंकों की दीर्घकालिक जमा रेटिंग को डाउनग्रेड करने के अलावा, वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने सीएए1 से पांच बैंकों की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा काउंटरपार्टी रिस्क रेटिंग (सीआरआर) को भी सीएए 3 कर दिया है. इसके अलावा, मूडीज ने बैंकों के बेसलाइन क्रेडिट असेसमेंट (बीसीए) को सीएए1 से सीएए3 तक कम कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप, उनकी स्थानीय मुद्रा दीर्घकालिक सीआरआर को बी3 से सीएए2 और उनके दीर्घकालिक काउंटरपार्टी जोखिम आकलन को बी3 से सीएए2 में डाउनग्रेड कर दिया है.