कोलंबो/माले : संकट से घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) की देश छोड़कर जाने में मालदीव की संसद के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (Mohamed Nasheed) ने मदद की है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. श्रीलंका के 73 वर्षीय नेता राजपक्षे श्रीलंका छोड़ कर मालदीव की राजधानी माले पहुंच चुके हैं.
देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच राजपक्षे अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ बुधवार को तड़के सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए. श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के तहत मिली शक्ति के तहत राजपक्षे बुधवार को तड़के वायु सेना के एक विमान से मालदीव चले गए हैं.
मालदीव की राजधानी माले में सूत्रों ने बताया कि मजलिस (संसद) के अध्यक्ष नशीद ने राष्ट्रपति राजपक्षे को कोलंबो से निकलने में मदद की. सूत्रों ने बताया कि मालदीव सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं. अत: अगर वह मालदीव आना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
टीवी समाचार चैनलों पर प्रसारित खबरों के अनुसार, राजपक्षे के साथ 13 लोग मालदीव गए हैं. वे एएन32 विमान से मालदीव पहुंचे. खबरों के अनुसार, मालदीव में नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने देश में किसी सैन्य विमान के उतरने के शुरुआती अनुरोधों को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में अध्यक्ष नशीद के आग्रह पर विमान को उतरने की अनुमति दी. राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे. उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद यह घोषणा की थी.