लंदन :ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है. सर ग्राहम ब्रैडी ने वेस्टमिंस्टर के क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय सेंटर में नतीजों का एलान किया. ऋषि सुनक को हराकर अब लिज ट्रस ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी. थेरेसा मे और मार्गरेट थैचर के बाद 47 वर्षीया लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनेंगी. लिज ट्रस मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी. लिज ट्रस को 81,326 वोट और ऋषि सुनक को 60,399 वोट मिले हैं. पीएम चुनाव के अंतिम चरण का मतदान शुक्रवार को खत्म हुआ था. चुनाव नतीजों से पहले आए प्री-पोल सर्वे में ऋषि सुनक को लिज ट्रस से पीछे बताया गया था. उन्होंने सभी कंजर्वेटिव सदस्यों के पोस्टल बैलेट के जरिए सुनक को हराया.
कंजर्वेटिव पार्टी की नवनिर्वाचित नेता और भावी प्रधानमंत्री लिज ट्रस ब्रिटेन के उन वरिष्ठ राजनेताओं में शामिल हैं, जिन्हें भारत-ब्रिटेन के रणनीतिक तथा आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये जाना जाता है. वह ट्रस ही थीं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री रहने के दौरान पिछले साल मई में बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार के लिये वृहद व्यापार साझेदारी (ईटीपी) पर मुहर लगवाई. यही ईटीपी अब चल रही मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) बातचीत के लिये शुरुआती आधार के तौर पर काम कर रही है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने के लिए लिज ट्रस को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, "विश्वास है कि आपके नेतृत्व में, भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा."
चुनाव जीतने के बाद लिज ट्रस ने सबसे पहले अपने समर्थकों और बोरिस जॉनसन को ब्रेग्ज़िट के लिए शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा कि मैं एक ठोस प्लान पेश करूंगी. लिज ट्रस ने दावा किया कि वह करों में कटौती और ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक बेहतर योजना देंगी. उन्होंने कहा कि वे ऊर्जा संकट और एनएचएस पर काम करेंगी. ट्रस ने कहा, "हम सभी अपने देश के लिए काम करेंगे और मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि हम अपनी कंजर्वेटिव पार्टी की सभी शानदार प्रतिभाओं का उपयोग करें और हम 2024 में कंजर्वेटिव पार्टी के लिए एक बड़ी जीत हासिल करेंगे."
कैबिनेट सदस्यों के इस्तीफे की एक सीरिज के बाद बोरिस जॉनसन 7 जुलाई को पद छोड़ने को मजबूर हुए थे. जिसके बाद टोरी नेतृत्व की दौड़ शुरू हो गई थी. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पद के लिए प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट के रूप में ऋषि सुनक और लिज ट्रस कंजर्वेटिव रैंक तक पहुंचे. लगभग एक दर्जन चुनाव और छह सप्ताह की लंबी आमने-सामने की प्रतियोगिता के बाद, लिज ट्रस और ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के लिए अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बारे में बताया था. दोनों दावेदार उत्तरी इंग्लैंड के लीड्स में पहली बाउट के साथ 12 राष्ट्रव्यापी मुकाबलों से गुजरे. इस दौरान ट्रस ने संकेत दिया कि वह "वामपंथियों की पहचान की राजनीति" को दृढ़ता के विरोध करेंगी क्योंकि उन्होंने सिंगल-सेक्स स्पेस जैसे घरेलू हिंसा आश्रयों को लागू कराने की कल्पना की है. वहीं, ऋषि सुनक ने देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वैट में कटौती की वकालत की थी.
लिज ट्रस ने पिछले साल अक्टूबर में भारत की दो दिवसीय यात्रा की थी. अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने भारत के साथ साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया था. उस वक्त ट्रस ने दोनों देशों को भविष्य के लिए निर्धारित योजनाओं पर मिलकर काम करने पर जोर दिया था. पिछले साल मई में दोनों देशों के बीच एक आभासी शिखल सम्मेलन के दौरान भारत-ब्रिटेन के भविष्य के संबंधों के लिए रोडमैप 2030 लॉन्च किया गया था. यह रोडमैप लोगों के बीच पुनर्जीवित और गतिशील कनेक्शन, फिर से सक्रिय व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग के लिए है.
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ट्रस ने भारत की यात्राएं की हैं और वह वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ डिजिटल वार्ता भी कर चुकी हैं, जिस दौरान उन्होंने देश को "बड़ा, प्रमुख अवसर" करार दिया था. ईटीपी पर हस्ताक्षर के बाद ट्रस ने कहा था, "मैं बनते व्यापार परिदृश्य में ब्रिटेन और भारत को एक बेहतरीन स्थिति में देख रही हूं." उन्होंने कहा, "हम एक व्यापक व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं जिसमें वित्तीय सेवाओं से लेकर कानूनी सेवाओं के साथ-साथ डिजिटल और डेटा समेत वस्तुएं और कृषि तक सब कुछ शामिल हैं. हमें लगता है कि हमारे शीघ्र एक समझौता करने की प्रबल संभावना है, जहां हम दोनों ओर शुल्क घटा सकते हैं और दोनों देशों के बीच अधिक वस्तुओं का आयात-निर्यात होते देख सकते हैं."
विदेश मंत्री के तौर पर अपनी पदोन्नति के बाद ट्रस ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) की कमान एनी मेरी ट्रेवेलयन को सौंप दी थी. यह उम्मीद की जा रही है कि वह (ट्रेवेलयन) अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री की अपनी भूमिका में ब्रिटेन-भारत एफटीए वार्ता पर आगे बढ़ेंगी. टोरी नेता के तौर पर निर्वाचित होने के लिये पूर्व ब्रिटिश वित्त मंत्री ऋषि सुनक के साथ अपने मुकाबले के दौरान ट्रस ने पार्टी के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआईएन) प्रवासी समूह के समक्ष कहा था कि वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिये बेहद प्रतिबद्ध रहेंगी.
उन्होंने भारत-ब्रिटेन एफटीए के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और उम्मीद जताई की दिवाली तक इसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी, जो समयसीमा उनके पूर्ववर्ती बोरिस जॉनसन ने निर्धारित की थी. ट्रस ने कहा कि अगर तब तक संभव न हो सका तो “निश्चित तौर पर साल के अंत तक” इसे पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने रूस और चीन की आक्रामकता के खिलाफ अपने स्वतंत्रता के नेटवर्क लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर बार-बार सहमति जताई है. इस साल के आरंभ में विदेश नीति को लेकर एक अहम वक्तव्य में उन्होंने घोषणा की थी, “रूस और चीन साथ मिलकर काम कर रहे हैं, क्योंकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकियों में मानकों को स्थापित करने का प्रयास करते हैं, संयुक्त सैन्य अभ्यासों के माध्यम से पश्चिमी प्रशांत महासागर और घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से अंतरिक्ष में अपना प्रभुत्व जमाते हैं."
ट्रस के अनुसार, “चीन और रूस ने एक वैचारिक शून्यता की स्थिति ढूंढी है और उनकी नजर इसे भरने पर है. वे काफी उत्साहित हैं . हमने शीत युद्ध के बाद से ऐसा नहीं देखा है. स्वतंत्रता के समर्थक लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमें इन खतरों का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए." उन्होंने कहा, "नाटो के साथ-साथ हम ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, इंडोनेशिया और इज़रायल जैसे साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि स्वतंत्रता के वैश्विक नेटवर्क का निर्माण किया जा सके." विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी मुखरता से अपनी बात रखी.