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Published : Sep 6, 2022, 9:43 PM IST

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लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं, भारत से संबंधों के लेकर प्रतिबद्ध

कंजरवेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस औपचारिक रूप से ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बन गई हैं. लिज ट्रस ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मुलाकात की. इसके बाद महारानी ने उन्हें नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया और औपचारिक रूप से नई सरकार बनाने को कहा. मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे के बाद लिज ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं.

Queen received Liz Truss at Balmoral Castle
लिज ट्रस महारानी एलिजाबेथ द्वितीय

लंदन:महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कंजरवेटिव पार्टी की नेता लिज ट्रस (Liz Truss UK PM) को मंगलवार को औपचारिक रूप से ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही लिज ट्रस देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं और उनके सामने देश में बढ़ते ऊर्जा संकट तथा बढ़ती कीमतों से निपटने की चुनौती है. वह 96 वर्षीय महारानी से मिलने के लिए स्कॉटलैंड के एबर्डीनशायर में उनके बाल्मोरल कैसल स्थित आवास पहुंचीं. महारानी ने औपचारिक रूप से ट्रस से नई सरकार बनाने को कहा.

इससे पहले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने महारानी के साथ मुलाकात में औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपा. ट्रस महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासनकाल में देश की 15वीं प्रधानमंत्री हैं. पहले प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल 1952 में बने थे. ब्रिटेन के शाही परिवार द्वारा बहुमत प्राप्त दल के नेता को आमंत्रित करने की संवैधानिक प्रक्रिया लंदन के बकिंघम पैलेस में होती रही है. लेकिन महारानी एबर्डीनशायर स्थित शाही परिवार के ग्रीष्मकालीन आवास बाल्मोराल कैसल में ठहरी हैं और ज्यादा यात्रा नहीं कर रही हैं, इसलिए फैसला किया गया कि वह जॉनसन और ट्रस से बाल्मोराल कैसल में ही मुलाकात करेंगी.

शाही परिवार की ओर से जारी बयान के अनुसार कि महारानी ने आज एलिजाबेथ ट्रस से मुलाकात की और उनसे नई सरकार बनाने का आग्रह किया. बयान के मुताबिक ट्रस ने महारानी के प्रस्ताव को स्वीकार किया और प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर उनके हाथ चूमे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस की महंगाई से निपटने की योजना परिवारों और व्यवसायों को निश्चिंतता प्रदान करेगी.

ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को हरा दिया था. माना जा रहा है कि ट्रस के शीर्ष दल में अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन एकमात्र भारतीय मूल की सांसद हो सकती हैं. गोवा मूल की ब्रेवरमैन को पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल की जगह दी जा सकती है, जिन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था. सुनक ने कंजरवेटिव पार्टी के नेता की दौड़ में हार के बाद ट्रस कैबिनेट में शामिल होने की संभावना को लगभग नकार दिया है लेकिन उनकी सरकार को अपना समर्थन देने का वादा किया.

ट्रस भारत से संबंधों के लेकर बेहद प्रतिबद्ध
ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने भारत के साथ मजबूत संबंधों का हमेशा समर्थन किया. 47 वर्षीय ट्रस को अपनी पूर्ववर्ती महिला प्रधानमंत्रियों मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे से कहीं अधिक मुश्किल दौर का सामना करना पड़ेगा क्योंकि देश में जीवनयापन की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है. उन्हें अपनी पार्टी में भी गुटबाजी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि नवीनतम कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व चुनाव 43 प्रतिशत के मुकाबले 57 प्रतिशत मतों से जीता है जिसे बहुत बड़ा अंतर नहीं माना जा रहा है.

लेकिन भारत के मोर्चे पर बात करें तो जॉनसन नीत सरकार में पूर्व अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री रहीं ट्रस ने भारत-ब्रिटेन उन्नत व्यापार साझेदारी (ईटीपी) पर पिछले साल हस्ताक्षर किए थे और उम्मीद की जा रही है कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए इस साल के अंत तक तय की गई समय सीमा के तहत आगे बढ़ेंगी. उन्होंने भारत को 'बड़ा और अहम अवसर' करार दिया था और उनका मानना है कि भारत और ब्रिटेन 'व्यापार में जो गतिशीलता बनी है वह बेहतर स्थान पर है.'

ईटीपी पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद ट्रस ने कहा था, हम विस्तृत व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं जिसमें सब शामिल हो, वित्तीय सेवा से लेकर कानूनी सेवा तक, वस्तु से लेकर कृषि तक. हम मानते हैं कि इस समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर होने की प्रबल संभावना है, जिससे दोनों पक्षों की ओर से कर कम होगा, दोनों पक्ष एक दूसरे के अधिक सामान अपने यहां देखेंगे.

यह भी पढ़ें- ऋषि सुनक हारे, लिज ट्रस होंगी ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री

हाल में नेतृत्व के लिए चल रही दौड़ के दौरान पिछड़ने पर ट्रस ने पार्टी के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआईएप) के कार्यक्रम में दोहराया था कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के मामले वह बहुत ही प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने प्रतिबद्धता जताई थी कि वह स्वयं भारत-ब्रिटेन एफटीए करना चाहती हैं जिसकी समय सीमा उनके पूर्ववर्ती ने तय की है. उन्होंने कहा कि शायद यह समझौता दिवाली तक हो जाएगा, लेकिन निश्चित तौर पर इस साल के अंत तक इस समझौते को अमली जामा पहना दिया जाएगा.

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