बेरूत : लेबनान के सबसे बड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर के अंदर प्रतिद्वंद्वी सशस्त्र समूहों के बीच तीन दिनों की लड़ाई में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए हैं. लेबनान की सेना ने सोमवार को दक्षिणी बंदरगाह शहर सिडोन के पास ईन अल-हिलवेह शिविर के आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया. क्योंकि लेबनानी और फिलिस्तीनी समूहों के बीच युद्धविराम के प्रयासों के बावजूद झड़पें जारी रहीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन शिविरों में 63,000 से अधिक शरणार्थी रह रहे हैं.
अल जजिरा की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्जनों परिवार घनी आबादी वाले शिविर से भागने में सफल रहे हैं लेकिन हजारों की संख्या में लोग अंदर फंसे हुए हैं क्योंकि वहां से भागना बहुत खतरनाक है. कुछ लोगों ने आसपास के मस्जिदों में शरण ली है. उन्होंने कहा, फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने शिविर में अपने सहायता अभियान और सेवाएं निलंबित कर दी हैं.
एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. कथित तौर पर कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं. हिंसा शनिवार को शुरू हुई जब एक अज्ञात बंदूकधारी ने महमूद खलील नामक एक सशस्त्र समूह के सदस्य को मारने की कोशिश की. लेबनानी राज्य मीडिया और फतह डिवीजन के एक कमांडर के अनुसार, एक अन्य फिलिस्तीनी गिरोह ने शनिवार को फतह गुट के एक वरिष्ठ और उसके चार अंगरक्षकों की हत्या कर दी, जिससे लेबनान के सबसे बड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर ईन अल-हिलवेह में हिंसा भड़क गई. इसके अगले दिन शिवर में खूनी झड़पें शुरू हो गईं.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लेबनानी सांसद ओसामा साद ने सोमवार दोपहर को लेबनानी अधिकारियों, सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनी गुटों के बीच एक बैठक के बाद नए युद्धविराम की घोषणा की. लेकिन उसके बाद भी लड़ाई जारी रही. इससे पहले, फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने एक बयान में कहा कि लेबनान सरकार कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए जो कर रही है उसका हम समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि हम फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों और सुरक्षा और कानून बनाए रखने सहित लेबनान की संप्रभुता का समर्थन करते हैं.