कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व ताकतवर नेता महिंदा राजपक्षे ने बुधवार को संसद में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने और उच्च सुरक्षा के बीच एक नौसेना शिविर में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया था. तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे महिंदा राजपक्षे (76) ने पिछले हफ्ते अपने आवास को आग लगाते देखा. वह, अपनी पत्नी और परिवार के साथ, अपने आधिकारिक निवास - टेंपल ट्रीज़- से भाग गये थे.
उन्होंने त्रिंकोमाली में नौसैनिक अड्डे पर शरण ली थी. महिंदा ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था. इसके बाद अधिकारियों को देशव्यापी कर्फ्यू लगाने और राजधानी में सेना के जवानों को तैनात करने के लिए प्रेरित किया गया.
इस हमले में राजपक्षे समर्थक राजनेताओं के खिलाफ व्यापक हिंसा शुरू हुई थी. 200 से अधिक अस्पताल में भर्ती होने के साथ कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई. महिंदा राजपक्षे के सरकारी सहयोगियों में से 58 ने अपनी निजी संपत्तियों पर आगजनी होते देखे. न्यूज फर्स्ट अखबार ने बताया कि महिंदा जो एक सांसद हैं उन्हें संसद में देखा गया. उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था और 9 मई को ब्लैक मंडे हिंसा के बाद पूर्वी प्रांत में एक नौसेना शिविर में जाने के लिए मजबूर किया गया था.