लंदन :इराक और अफगानिस्तान में युद्धों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज कथित तौर पर लीक करने को लेकर अमेरिका में वांछित विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का मामला बुधवार को ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास भेज दिया गया. प्रीति पटेल अब असांजे (50) के प्रत्यर्पण आदेश को अंतिम मंजूरी देंगी, जिसे कई चरण की अपील के बाद लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के पास भेजा गया था. निचली अदालत द्वारा मामले के कागजात औपचारिक रूप से गृह मंत्री को भेजे जाने की जरूरत है, जिस स्थिति में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं.
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के एक न्यायाधीश ने जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिए जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने की बुधवार को औपचारिक मंजूरी दे दी. यह मामला अब निर्णय के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री के पास भेजा गया है. हालांकि, असांजे के पास अपील करने के लिए अब भी कानूनी विकल्प हैं. ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले महीने एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने की असांजे को अनुमति देने से इनकार करने के बाद प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने वाला यह आदेश आया है. अब गृह मंत्री प्रीति पटेल इस बारे में फैसला करेंगी कि प्रत्यर्पण की अनुमति देनी है या नहीं.
असांजे के वकीलों के पास गृह मंत्री प्रीति पटेल के समक्ष दलील पेश करने के लिए चार हफ्तों का वक्त है. वे उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने का भी अनुरोध कर सकते हैं. असांजे के वकील मार्क समर्स ने अदालत से कहा कि कानूनी टीम को महत्वपूर्ण दलील पेश करनी है. गौरतलब है कि अमेरिका ने ब्रिटिश अधिकारियों को असांजे का प्रत्यर्पण करने को कहा है ताकि वह जासूसी के 17 आरोपों और कंप्यूटर दुरूपयोग के एक आरोप पर मुकदमे का सामना कर सकें. अमेरिकी अभियोजकों ने कहा है कि असांजे ने गैरकानूनी तरीके से अमेरिकी सेना खुफिया विश्लेषक चेल्सिया मैंनिंग को गोपनीय राजनयिक सामग्री एवं सैन्य फाइल चुराने में मदद की, जिन्हें विकिलीक्स ने बाद में प्रकाशित कर लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया था.