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जयशंकर ने ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा - विदेश मंत्री डॉ जयशंकर

EAM S Jaishankar, International North-South Transport Corridor, भारत के विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश से मुलाकात की और चाबहार बंदरगाह पर चर्चा की. दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसके अलावा उन्होंने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रायसी और अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से भी मुलाकात की.

Jaishankar's visit to Iran
जयशंकर का ईरान दौरा

By PTI

Published : Jan 15, 2024, 6:27 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 10:50 PM IST

तेहरान: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रायसी से मुलाकात की. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 'पीएम नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दीं. करमान हमले पर संवेदना व्यक्त की. उन्हें ईरानी मंत्रियों के साथ अपनी सार्थक चर्चाओं से अवगत कराया. संबंधों के आगे विकास के लिए उनके मार्गदर्शन को महत्व दिया.'

इसके अलावा एस जयशंकर ने ईरान में सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात करके अपने कार्यक्रम की शुरुआत की. मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह पर दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की. जयशंकर ने बज्रपाश के साथ अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'तेहरान में मेरे दौरे की शुरुआत सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात के साथ हुई. चाबहार बंदरगाह के संबंध में दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और सार्थक चर्चा. अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.'

ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित, चाबहार बंदरगाह संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है. भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसके संपर्क के लिए.

ताशकंद में 2021 में एक संपर्क(कनेक्टिविटी) सम्मेलन में जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख क्षेत्रीय पारगमन केंद्र के रूप में पेश किया था. चाबहार बंदरगाह को आईएनएसटीसी परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है.

अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से भी मुलाकात की और उनके साथ लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

इस दौरान उन्होंने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर चर्चा की और दोनों पक्षों ने हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने का आह्वान किया. यह लाल सागर में यमन के हौथी आतंकवादियों के हमले के बीच आया है. गाजा युद्ध शुरू होने के बाद हौथी इजरायल पर दबाव बनाने के लिए वाणिज्यिक जहाजों पर हमला कर रहे हैं. ऐसे हमले के दौरान भारत जा रहे कई जहाज भी हमले की चपेट में आ गए हैं.

चूंकि क्षेत्रीय संपर्क भारत-ईरान संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है, यह स्वाभाविक रूप से दोनों मंत्रियों के बीच सोमवार की चर्चा के एजेंडे में प्रमुख था. जयशंकर ने मध्य एशिया, अफगानिस्तान और यूरेशिया के बाजारों तक पहुंच के लिए ईरान की अद्वितीय भौगोलिक स्थिति से लाभ उठाने में भारत की रुचि को दोहराया.

तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि '...इस यात्रा ने मुझे करमान में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर अपने समकक्ष को व्यक्तिगत रूप से अपनी संवेदना व्यक्त करने का अवसर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में राष्ट्रपति रायसी को पत्र भी लिखा है...'

संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आगे कहा कि हमारे लोगों से लोगों के बीच संपर्क लंबे समय से हमारी ताकत रहे हैं... मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूं कि भारत सरकार ने हमारी नई शिक्षा नीति में फ़ारसी को भारत की नौ शास्त्रीय भाषाओं में से एक के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है.'

Last Updated : Jan 15, 2024, 10:50 PM IST

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