जेरूसलम : इजरायल में बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर अपने राजदूत को वापस बुलाने के जॉर्डन के फैसले के जवाब में, यहूदी राष्ट्र ने कहा कि उसे इस कदम पर खेद है, लेकिन उसका ध्यान हमास के आतंकवादी हमले के कारण उस पर थोपे गए युद्ध पर केंद्रित है." मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात ने बुधवार देर रात एक्स पर एक पोस्ट में कहा," इजरायल को परामर्श के लिए अपने राजदूत को वापस बुलाने के जॉर्डन सरकार के फैसले पर खेद है.
इजरायल राज्य का ध्यान उस पर हमास द्वारा किए गए जानलेवा आतंकवादी हमले द्वारा लगाए गए युद्ध पर केंद्रित है, एक आतंकवादी संगठन जिसने 1400 इजरायलियों का नरसंहार किया और 240 महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों अपहरण कर लिया. " उन्होंने कहा, "इजरायल हमास के आतंकवादियों और इस संगठन के आतंकवादी ढांचे को निशाना बना रहा है, जो गाजा पट्टी के नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है."
अम्मान में विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इससे पहले बुधवार को जॉर्डन ने गाजा पर जारी इजरायली हमलों के विरोध में इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि उन्होंने इजरायलली विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया है कि वह अपने राजदूत को वापस न भेजे, जो पहले ही जॉर्डन छोड़ चुके हैं. मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राजदूतों की वापसी इजरायल द्वारा गाजा पर युद्ध बंद करने, उसके कारण होने वाली मानवीय आपदा और उसके कार्यों से जुड़ी है, जिसने फिलिस्तीनियों को उनकी धरती पर भोजन, पानी, दवा और सुरक्षित और स्थिर जीवन के अधिकार से वंचित कर दिया.