संयुक्त राष्ट्र/तेल अवीव: अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस मसौदा प्रस्ताव को वीटो करने के बाद कई देशों ने वाशिंगटन के कृत्य पर निराशा और खेद जताया. मसौदा प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि 'हम बहुत निराशा और खेद व्यक्त करते हैं कि मसौदे को अमेरिका ने वीटो कर दिया है.'
झांग ने कहा कि 'दो महीने की लड़ाई में पहले ही अभूतपूर्व मात्रा में मौतें और विनाश हुआ है और तत्काल युद्धविराम सबसे बड़ी शर्त है.' संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक रियाद एच. मंसूर ने बताया कि यह बेहद अफसोसजनक और विनाशकारी है कि परिषद को अपनी जिम्मेदारी निभाने से रोका गया. संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त अरब अमीरात के उप स्थायी प्रतिनिधि मोहम्मद अबूशाहब ने इसके परिणाम पर गहरी निराशा व्यक्त की.
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक परिणाम उनके देश को परिषद के सदस्यों से कार्रवाई करने और गाजा में हिंसा को समाप्त करने के लिए आग्रह करने से नहीं रोकेगा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि आज का दिन मध्य पूर्व में सबसे काले दिनों में से एक बन जाएगा, क्योंकि अमेरिका ने एक बार फिर युद्धविराम के आह्वान को रोक दिया है.
संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि निकोलस डी रिवियेर ने कहा कि उन्होंने मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने कहा कि फ्रांस संकट के सभी पहलुओं पर परिषद को पूरी तरह से सक्रिय करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे वह सुरक्षा, मानवीय या राजनीतिक हो.