नई दिल्ली : इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है. गत शनिवार को हमास द्वारा किए गए हमलों के जवाब में इजराइल ने पूरे फिलिस्तीन पर कहर बरपा दिया है. वेस्ट बैंक और गाजा के क्षेत्र में 700 से ज्यादा लोग मारे गए. 2600 से अधिक फिलिस्तीनी घायल हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने हमास को धमकी दी है कि अगर उसने किसी भी इजराइली, जिन्हें अगवा किया गया है, को नुकसान पहुंचा तो उसका अंजाम बहुत ही घातक होगा.
हमास ने शनिवार को 5000 से अधिक रॉकेट दागकर इजराइल को लहूलुहान कर दिया था. हमास के लड़ाकों ने सुनियोजित तरीके से यह हमला किया था. उसने मोर्टार से भी हमला किया था. उसने कमांडो स्टाइल में धावा बोला था. यह हमला इतना सटीक था कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली खुफिया तंत्र, मोसाद, को इसकी भनक तक नहीं लगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने हमले के दौरान कई इजराइलियों को बंधक बना लिया. उनके बारे में भी अलग-अलग तरह की खबरें आ रहीं हैं, हालांकि, किसी ने औपचारिक पुष्टि नहीं की है.
हमले के बाद इजराइली सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक यूनिटी पार्टी का गठन किया है. इसमें सभी दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. इजराइल के फाइनेंस मिनिस्टर बोजेलेल स्मोट्रिच ने इस सरकार को लेकर अपडेट दिया. इजराइल के हमले को लेकर गाजा से खबर आई है. गाजा के हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि इजराइली हमले में 770 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. उनके अनुसार 4000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
इस भीषण हमले के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गाजा में मानवीय मदद की अपील की है. संगठन ने प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराने को लेकर फैसला किया है. उनकी टीम वहां पर मौजूद है. गाजा में पानी, बिजली और खाने का संकट पैदा हो गया है. लोगों ने स्कूलों में शरण ली है. यूएन के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने इजराइल के हमले और घेरेबंदी को इंटरनेशनल लॉ के अगेंस्ट बताया है.
नई दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान ने इजराइल पर सीधा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि इजराइल इस हमले को लेकर ईरान पर दोष मढ़ रहा है, जबकि अमेरिका ने भी साफ कर दिया है कि इस हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है. खुद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई ने कहा कि जिसने भी इजराइल पर हमला किया है, हम उनके हाथ को चूमते हैं.
अमेरिका ने अपना यूएसएस गैरोल्ड फोर्ड युद्धपोत इजराइली सीमा पर तैनात किया है. इससे पूरे मध्य एशिया में चिंता बढ़ गई है. मध्य पूर्व के देशों में भी खेमेबाजी शुरू हो चुकी है. अधिकांश मुस्लिम देश इजराइल के खिलाफ हो गए हैं. उन्होंने रूस से मुलाकात की है. चीन ने हमास के हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है, हालांकि, उसने हमले की आलोचना जरूर की. मुस्लिम ब्रदर हुड फिर से एक्टिव हो चुका है. वह हमास के समर्थन में बयान दे रहा है. मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के देशों को लग रहा है कि इस क्षेत्र में पश्चिमी देश फिर से सक्रिय हो जाएंगे और वे अलग-अलग सरकारों को फिर से डिस्टेबलाइज करने की कोशिश करेंगे. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने फिर से हमले की चेतावनी दी है. हमास ने इजराइल के अश्केलोन पर हमला करने की धमकी दे डाली.
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