ईरान के हमले को पाकिस्तान ने बताया 'अकारण', कहा- 2 बच्चों की हुई मौत
Pakistan 'Strongly Condemns' Violation Of Its Airspace By Iran : पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बलूचिस्तान में एक आतंकवादी समूह पर ईरान के हमलों के बाद, पाकिस्तान ने ईरान की ओर से अपने हवाई क्षेत्र के 'अकारण उल्लंघन' की कड़ी निंदा की है. पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि इस हमले में दो बच्चों की जान चली गई.
इस्लामाबाद :ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए. इस हमले के बाद गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध से पहले से ही परेशान मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है. पाकिस्तान ने कहा कि हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. पाकिस्तान ने ईरान की इस कार्रवाई को अपने हवाई क्षेत्र का 'अकारण उल्लंघन' बताया.
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है. इस तरह के एकतरफा कृत्य अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं. द्विपक्षीय विश्वास और विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं.
दो पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि ईरानी हमलों ने ईरानी सीमा से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) अंदर पाकिस्तान के बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त कर दिया. अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर एपी को यह जानकारी दी.
ईरान की घोषणा के बाद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई क्योंकि राज्य मीडिया पर इससे संबंधित खबरें थोड़ी देर बाद प्रसारित होनी बंद हो गई. हालांकि, ईरान की ओर से पाकिस्तान के अंदर हमले से दोनों देशों के बीच संबंधों को खतरा है. बता दें कि लंबे समय से राजनयिक संबंधों को बनाए रखते हुए एक-दूसरे को संदेह की दृष्टि से देखते रहे हैं.
यह हमला एक दिन से भी कम समय पहले इराक और सीरिया पर ईरानी हमलों के बाद हुआ है, क्योंकि तेहरान इस महीने सुन्नी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट की ओर से किए गए दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट के बाद भड़का हुआ है, जिसमें 90 से अधिक लोग मारे गए थे.
ईरान की सरकारी आईआरएनए समाचार एजेंसी और राज्य टेलीविजन ने कहा था कि पाकिस्तान में हमलों में मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. ईरानी राज्य टेलीविजन की अंग्रेजी भाषा शाखा, प्रेस टीवी ने हमले के लिए ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड को जिम्मेदार ठहराया. जैश अल-अदल, या 'न्याय की सेना', 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में सीमा पार संचालित होता है. इस समूह ने आतंकवादियों ने अतीत में बमबारी और ईरानी सीमा पुलिस का अपहरण करने का दावा किया है.
ईरान ने सीमावर्ती इलाकों में उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, लेकिन पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन हमला ईरान के लिए अभूतपूर्व है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है. बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ईरान की ओर से उसके हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है. पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि इस हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
यह हमला तब हुआ जब ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर से मुलाकात की. उन लोगों के बीच क्या चर्चा हुई फिलहाल इसका खुलासा नहीं हुआ है. बलूचिस्तान को दो दशकों से अधिक समय से बलूच राष्ट्रवादियों की ओर से निम्न-स्तरीय विद्रोह का सामना करना पड़ा है. बलूच राष्ट्रवादी शुरू में प्रांतीय संसाधनों में हिस्सेदारी चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने स्वतंत्रता के लिए विद्रोह शुरू कर दिया.
ईरान लंबे समय से सुन्नी-बहुमत पाकिस्तान पर विद्रोहियों की मेजबानी करने का संदेह करता रहा है. ईरान का आरोप है कि सऊदी अरब के इशारे पर पाकिस्तान ईरान में आतंकी गतिविधियों को प्रश्रय देता रहा है. हालांकि, ईरान और सऊदी अरब पिछले मार्च में चीन की मध्यस्थता से शांति समझौते पर पहुंचे थे. जिसके बाद दोनों देशों में तनाव कम हुआ था.