बीजिंग :चीन के शंघाई में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देजनर वहां स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने 'इन-पर्सन' यानी दूतावास परिसर जाकर मिलने वाली राजनयिक सेवाएं निलंबित कर दी हैं. वाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को एक नोटिस जारी कर कहा कि पूर्वी चीन क्षेत्र में रह रहे भारतीय नागरिक त्वरित राजनयिक सेवाओं के लिए बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकते हैं. दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर साझा नोटिस में कहा है, 'शंघाई म्युनिसिपल पीपुल्स सरकार ने शहर को सील कर रखा है और अलग-अलग स्तर पर पाबंदियां लगाई हैं. ऐसे में यहां स्थित भारत का महावाणिज्य दूतावास बंद रहेगा. वह 'इन पर्सन' राजनयिक सेवाएं मुहैया कराने की स्थिति में नहीं होगा.'
नोटिस में कर्मचारियों के फोन नंबर मुहैया कराते हुए कहा गया है कि इस अवधि में वाणिज्य दूतावास रिमोट माध्यम से काम करेगा और आपात राजनयिक सेवा के लिए उससे संपर्क किया जा सकता है. चीन का सबसे बड़ा शहर शंघाई कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की चपेट में है, जो वहां तेजी से फैल रहा है और इसकी वजह से अधिकारियों को लॉकडाउन लगाना पड़ा है.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बुधवार को बताया कि शंघाई में बीते 24 घंटों में कोविड-19 के 1,189 नए मामले सामने आए हैं और 25,141 ऐसे संक्रमितों की भी पहचान की गई है, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. इसी के साथ शहर में संक्रमण के मामले एक बार फिर 26,000 के पार चले गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ गया है. एनएचसी के मुताबिक, चीन के अन्य प्रांतों में भी कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. जिलिन प्रांत में 233, गुआंगडोंग में 22, हेनान में 14 और झेजियांग में 12 नए संक्रमितों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.
स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, कुल मिलाकर देश में 26,525 ऐसे मामले मिले हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं थे. महावाणिज्य दूत डी नंदकुमार ने कहा कि शंघाई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भले ही 'इन-पर्सन' सेवाओं को निलंबित कर दिया है, लेकिन यह शहर में फिलहाल रह रहे 1,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को परामर्श सहित अन्य जरूरी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा. नंदकुमार ने कहा कि फिलहाल वाणिज्य दूतावास के करीब 22 सदस्य अपने घरों से काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों और भारतीय प्रवासियों में संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं, फिर भी वाणिज्य दूतावास क्षेत्रीय समितियों के माध्यम से समुदाय के सदस्यों के संपर्क में है.