वाशिंगटन : भारतीय-अमेरिकियों ने भारत में अमेरिका के राजदूत के तौर पर एरिक गार्सेटी की नियुक्ति का स्वागत करते हुए उम्मीद जतायी कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी घनिष्ठता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी.
सीनेट ने 42 के मुकाबले 52 मतों से गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि की. सीनेट ने उनके नामंकन की पुष्टि करते हुए करीब दो साल से खाली पड़े प्रमुख राजनयिक पद को भरने की राह साफ कर दी.
भारत में पूर्णकालिक राजदूत की जरूरत ऐसे समय में पहले से कहीं अधिक महसूस की गई, जब भारत जी20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है और राष्ट्रपति सहित कई अन्य बड़ी हस्तियों के भारत यात्रा पर जाने की उम्मीद है. सीनेट में बहुमत के नेता सीनेटर चक शूमर ने सीनेट द्वारा गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि के तुरंत बाद कहा, 'अमेरिका-भारत संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं और यह बहुत अच्छी बात है कि अब हमारे पास एक राजदूत है.'
व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव ओलिविया डाल्टन ने कहा, 'राष्ट्रपति बाइडेन का मानना है कि भारत के साथ हमारी एक महत्वपूर्ण व परिणामी साझेदारी है और गार्सेटी एक प्रबल व प्रभावी राजदूत साबित होंगे.'
सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध हैं, जिसके रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व हैं. साझा मूल्यों पर स्थापित, बढ़ते आर्थिक एवं व्यापार संबंधों द्वारा समर्थित और यहां अमेरिका में भारतीय समुदाय द्वारा और मजबूत की गई यह साझेदारी भविष्य के लिए काफी मायने रखती है.'
वार्नर ने कहा, 'सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में मुझे खुशी है कि अंतत: भारत में सीनेट द्वारा अधिकृत राजदूत होगा.' एरिक गार्सेटी की नियुक्ति से भारतीय-अमेरिकी भी काफी खुश हैं.
गार्सेटी को उनकी पुष्टि पर बधाई देते हुए, 'इंडिस्पोरा' के संस्थापक-अध्यक्ष एम. आर. रंगास्वामी ने कहा, 'हम राहत महसूस कर रहे हैं और उत्साहित भी हैं कि एरिक (गार्सेटी) जैसा कोई व्यक्ति वहां (भारत में) संबंध बनाने जा रहा है.'
कैलिफ़ोर्निया के उद्यमी एवं समुदाय के नेता योगी चुग ने कहा कि गार्सेटी भारत में अमेरिकी राजूदत के पद के लिए बेहतरीन चयन हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत का महत्व आने वाले वर्षों में बढ़ता रहेगा. उनके अनुसार, भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को निर्देशित करने के लिए राजदूत के पद पर नियुक्ति महत्वपूर्ण है.
'फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज़' के खंडेराव कांड ने 600 से अधिक दिन बाद भारत में अमेरिका के राजदूत होने की बात पर खुशी जाहिर की.