इस्लामाबाद : भारत ने अगले महीने दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की होने वाली बैठक के लिए पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ को निमंत्रण भेजा है. मीडिया में बुधवार को प्रकाशित खबरों में यह जानकारी दी गई. इस समय भारत के पास एससीओ की अध्यक्षता है जिसमें चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य हैं. एससीओ अध्यक्ष होने के नाते भारत को बैठकों की श्रृंखला की मेजबानी करनी है. राजनयिक सूत्रों ने ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार को बताया कि भारत सरकार ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से पाकिस्तान के विदेश विभाग से निमंत्रण (पत्र) साझा किया.
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित खबर की अबतक भारत ने पुष्टि नहीं की है. खबर में दावा किया गया है कि भारत ने इससे पहले पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को आमंत्रित किया था और एसीओ विदेश मंत्रियों की बैठक का निमंत्रण भी साझा किया था. खबर के मुताबिक पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश हालांकि, एससीओ मुख्य न्यायाधीश की बैठक में शामिल नहीं हुए और उनकी जगह पर न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हाल में संपन्न उक्त बैठक में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक मई में गोवा में होनी है जबकि रक्षामंत्रियों की बैठक अप्रैल में नई दिल्ली में होगी. पाकिस्तान सरकार ने कहा कि उसने अबतक विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी या रक्षामंत्री आसिफ के भारत में होने वाली बैठकों में शामिल होने को लेकर फैसला नहीं लिया गया है.
बिलावल और चीन के किन गैंग एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें भारत ने मई में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया है. पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा है कि इस पर उचित समय पर फैसला लिया जाएगा. यदि पाकिस्तानी विदेश मंत्री व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेते हैं, तो यह 2011 के बाद से इस्लामाबाद से भारत की पहली ऐसी यात्रा होगी. उस वर्ष पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था. खार वर्तमान में विदेश मामलों के राज्य मंत्री के रूप में सेवारत हैं. मई 2014 में, तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था.
दिसंबर 2015 में, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया और कुछ दिनों बाद, पीएम मोदी ने पड़ोसी देश का संक्षिप्त दौरा किया था. फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को उड़ा दिया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे. भारत द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और बिगड़ गए. बता दें कि एससीओ की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी. इन वर्षों में, यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है. भारत और पाकिस्तान 2017 में बीजिंग स्थित एससीओ के स्थायी सदस्य बने.
(पीटीआई-भाषा)