संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में कहा है कि वह सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल कर अवैध हथियारों की आपूर्ति की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है जो पड़ोसी देश के अधिकारियों की मदद के बिना मुमकिन नहीं है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत का इशारा जाहिर तौर पर पाकिस्तान की तरफ था.
सुरक्षा परिषद में 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा: हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात को विनियमित करने वाले समझौतों के उल्लंघन से उत्पन्न होने वाले जोखिम' विषय पर खुली चर्चा में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि परमाणु हथियारों के प्रसार के मामले में संदिग्ध रुख और छवि वाले कुछ देश जो आतंकवादियों के साथ सांठगांठ करते हैं, उन्हें उनके कुकृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. परिषद की अध्यक्षता अप्रैल महीने में रूस के पास है.
उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर हथियारों और सैन्य उपकरणों का निर्यात, भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.' राजदूत ने कहा कि ये खतरा तब और बढ़ जाता है जब 'संवेदनशील वस्तुओं और तकनीकों को कपटपूर्ण तरीके से हासिल करने और परमाणु हथियारों के प्रसार में छद्म भूमिका रखने वाले राष्ट्रों की आतंकवादियों और अन्य राज्येत्तर तत्वों के साथ सांठगांठ है.' कंबोज ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा ज्यादा मात्रा में छोटे हथियारों को हासिल करना बार-बार याद दिलाता है कि वे बिना राष्ट्र के प्रायोजन और समर्थन के अस्तित्व में नहीं रह सकते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत के संदर्भ में, 'हम ड्रोन द्वारा सीमा पार से अवैध हथियारों की आपूर्ति की गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं जो उन क्षेत्रों को नियंत्रण करने वाले अधिकारियों के सक्रिय समर्थन के बिना संभव नहीं है.' उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था. भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) हथियार और मादक पदार्थ ला रहे पाकिस्तानी ड्रोन को अक्सर मार गिराते हैं. इस बाबत सबसे हाल की घटना एक अप्रैल की है जब बीएसएफ ने कहा कि उसके जवानों ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन पर गोलीबारी की. यह मध्य मार्च के बाद दूसरी ऐसी घटना है.