मॉन्ट्रियल: कनाडा में सीओपी15 जैव विविधता सम्मेलन में भारत की नुमाइंदगी कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत का करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित है और वह 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि और जल की रक्षा के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है. कनाडा के मॉन्ट्रियल में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र की संधि के लिए पक्षकारों के सम्मेलन की 15वीं बैठक (सीओपी15) चल रही है.
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के सचिव जे. जस्टिन मोहन ने कहा कि भारत 113 देशों के 'हाई एम्बिशन कोलिशन' (एचएसी) का सदस्य है जिसका मकसद 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को 2030 तक संरक्षित करना है. इसे 30 गुणा 30 लक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है. मोहन ने एजेंसी से कहा, 'संरक्षित वन, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, मैनग्रोव, रामसर स्थल, पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र और सामुदायिक रूप से संरक्षित क्षेत्र समेत भारत ने पहले ही करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित कर लिया है.'
उन्होंने कहा, 'अब हम जैव विविधता धरोहर स्थल और अन्य प्रभावी संरक्षण उपायों (ओईसीएमएस) के जरिए और अधिक इलाकों को संरक्षण के तहत लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. भारत 2030 में आसानी से ‘30 गुणा 30’ का लक्ष्य हासिल कर सकता है.' ओईसीएमएस वे इलाके होते हैं जो निजी तथा सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा संरक्षित होते हैं.
मोहन ने कहा, 'भारत में ओईसीएमएस के लिए असीम संभावना है और इससे अपने 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षित करने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.' भारत के राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के पूर्व अध्यक्ष विनोद माथुर ने कहा कि भारत ने ओईसीएमएस को परिभाषित करने के लिए 14 श्रेणी की वर्गीकरण प्रणाली बनायी है.