लाहौर : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने शनिवार को लाहौर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी को पंजाब पुलिस द्वारा हथियार का भय दिखा कर किया गया 'अपहरण' करार दिया. पार्टी के अतिरिक्त महासचिव एवं याचिकाकर्ता उमैर नियाजी ने अदालत से बगैर कोई देर किये उनकी याचिका स्वीकार करने और पंजाब पुलिस तथा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत में पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया, ताकि उनकी (खान की) सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
याचिकाकर्ता ने कहा, "सरकार खान को अवैध हिरासत में रखे हुए है. इमरान खान आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर जमान पार्क स्थित अपने आवास पर एक बैठक कर रहे थे, तभी करीब 200 पुलिसकर्मी वहां जबरन घुस गये और हथियार का भय दिखा कर उनका अपहरण कर लिया." उन्होंने अदालत से याचिका पर आज (शनिवार को) विचार करने और अधिकारियों से उन्हें उसके समक्ष पेश करने का अनुरोध किया. नियाजी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने तोशाखाना मामले में उनकी दोषसिद्धि के अदालती आदेश उन्हें दिखाये बगैर उनका 'अपहरण' कर लिया. उन्होंने दावा किया कि खान को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है, इसलिए उच्च न्यायालय में उन्हें पेश करने का अनुरोध किया गया है.
बता दें कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले में अपना फैसला सुनाया. अदालत ने इमरान खान को कम से कम तीन साल की कैद की सजा सुनाई और 1,00,000 रुपये (पीकेआर) का जुर्माना भी लगाया. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई कर रहा है. अदालत ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) और इमरान खान के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले की घोषणा की. अदालत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को तोशाखाना से उपहार प्राप्त करने में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया था. उन्होंने विभिन्न देशों और प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें मिले उपहारों की प्रक्रियाओं, मूल्यांकन और निपटान के लिए अपने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया.