इस्लामाबाद :पाकिस्तान में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इमरान के समर्थक पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं और 'चौकीदार चोर है' के नारे लगा रहे हैं. पंजाब प्रांत में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेता व पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद अहमद की रैली में पाक आर्मी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' के नारे लगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के विरोध में पंजाब प्रांत की लाल हवेली में हजारों की संख्या में लोग जमा हुए. इस दौरान, इमरान खान के समर्थकों ने सेना को 'चौकीदार' बताते हुए 'चोर' कहा. समर्थकों का कहना है कि सेना ने इमरान खान को मिले जनादेश की 'चोरी' की है. हालांकि, एक वायरल वीडियो में पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद अहमद प्रदर्शनकारियों को सेना के खिलाफ नारे लगाने से रोकने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'नारे मत लगाओ... हम शांति से लड़ेंगे.'
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था. चुनाव प्रचार के दौरान बड़े पैमाने पर इस नारे का इस्तेमाल किया गया था.
पाकिस्तान का 'स्वतंत्रता संग्राम फिर से शुरू': खान
वहीं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता जाने के बाद रविवार को अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि विदेशी साजिश के कारण उनकी सरकार को हटाए जाने के साथ पाकिस्तान का 'स्वतंत्रता संग्राम' फिर से शुरू हो गया है. इमरान खान ने एक ट्वीट में कहा, 'पाकिस्तान 1947 में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना लेकिन स्वतंत्रता संग्राम आज फिर से शासन परिवर्तन की एक विदेशी साजिश के खिलाफ शुरू हुआ है. हमेशा देश के लोग ही अपनी संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करते हैं.'
खान दावा करते रहे हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण एक विदेशी साजिश का परिणाम था. उन्होंने साजिश के पीछे अमेरिका का नाम लिया है. अमेरिका ने इस आरोप का कई बार स्पष्ट रूप से खंडन किया है. खान ने आरोप लगाया है कि विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू उनकी सरकार को गिराने के लिए 'विदेशी साजिश' में शामिल थे.
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पाकिस्तान नेशनल असेंबली में विपक्ष द्वारा इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार की रात वोटिंग हुई थी. विश्वास मत खोने के साथ ही इमरान खान की सरकार गिर गई थी. संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला था, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. 69 वर्षीय इमरान खान देश के इतिहास में सदन का विश्वास खोने के बाद सत्ता गंवाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं.