इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अर्द्धसैनिक बलों द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किये जाने से कुछ घंटे पहले मंगलवार को एक आतंकवाद रोधी अदालत ने कई मामलों में उनकी अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी. खान अभी देश भर में 121 मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें राजद्रोह, आतंकवाद, ईशनिंदा और हिंसा भड़काने के आरोप शामिल हैं. डॉन अखबार की खबर के अनुसार, आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख की अर्जी पर सुनवाई की. खान ने यहां 18 मार्च को संघीय न्यायिक परिसर के बाहर हुई हिंसा से जुड़े मामलों में जमानत देने का अनुरोध किया था. अदालत ने सभी सात मामलों में 50,000 पाकिस्तानी रुपये के मुचलके पर खान (70) को जमानत दे दी.
पूर्व प्रधानमंत्री खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिये इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे. खान ने एक दिन पहले, उनकी हत्या की कथित तौर पर साजिश रचने को लेकर देश की सेना पर निशाना साधा था. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी ने यह पुष्टि की है कि खान को रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज को जमीन स्थानांतरित करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है.
इस बीच, इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर खान के हवाले से एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि खान को उस मामले में गिरफ्तार किया गया है जिसमें आरोप है कि उन्होंने और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने 50 अरब पाकिस्तानी रुपये को वैध बनाने के लिए एक रियल एस्टेट कंपनी से रिश्वत ली थी. पूर्व प्रधानमंत्री खान, अपनी पत्नी बुशरा और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ एनएबी की जांच का सामना कर रहे हैं. यह मामला इमरान खान नीत (अपदस्थ) सरकार और एक रियल एस्टेट कारोबारी के बीच हुए एक समझौते से संबद्ध है, जिससे देश के राजकोष को 19 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ था. खान ने पूर्व में कहा था कि पिछले साल प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद से उनके खिलाफ देश भर में 140 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं.