इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास मित्र देशों से वित्तीय आश्वासन के बाद भी कर्मचारी स्तर के समझौते को मंजूरी देने में देरी करने का कोई कारण नहीं है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवश्यक वित्तपोषण आश्वासन जितनी जल्दी हो सके, 7 बिलियन डॉलर कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
डॉन अखबार ने सूचना दी है कि वित्त मंत्री इशाक डार द्वारा पाकिस्तान को द्विपक्षीय वित्तीय सहायता में 1 बिलियन डॉलर की पुष्टि की घोषणा के एक दिन बाद आईएमएफ मिशन प्रमुख ने पाकिस्तान नाथन पोर्टर को यह बयान दिया, माना जाता है कि यह वैश्विक ऋणदाता के साथ स्टाफ-स्तरीय समझौते के लिए अंतिम पूर्व कार्रवाई थी.
प्रधानमंत्री ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हमारे साथ कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले मित्र देशों से धन की व्यवस्था करने के लिए एक शर्त रखी थी. हमने पहले एक रोलओवर के लिए डेढ़ महीने का प्रयास किया. चीन से दो बिलियन डॉलर और फिर सऊदी अरब और यूऐई से तीन बिलियन डॉलर की व्यवस्था कर आईएमएफ की अंतिम शर्त को पूरा किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, नए सेना प्रमुख ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से धन प्राप्त करने के प्रयास किए, और इस संबंध में बिलावल भुट्टो-जरदारी और इशाक डार की कड़ी मेहनत की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को विरासत में एक आईएमएफ समझौता मिला था जो बिखरा हुआ था और वैश्विक ऋणदाता के साथ जल्द से जल्द एक समझौता करके इन चुनौतियों को दूर करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार को आईएमएफ द्वारा निर्धारित कड़ी शर्तों को स्वीकार करना पड़ा क्योंकि कोई विकल्प नहीं था.