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IMF Sri Lanka: श्रीलंका को आईएमएफ से 3 बिलियन अमेरिकी डालर का पैकेज - अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष श्रीलंका

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए तीन बिलियन अमरीकी डालर की मंजूरी दी गई है.

IMF Executive Board approves USD 3 billion under New Extended Fund Facility arrangement for Sri Lanka
श्रीलंका को आईएमएफ से 3 बिलियन अमरीकी डालर का पैकेज

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Published : Mar 21, 2023, 7:10 AM IST

वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने सोमवार को विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत श्रीलंका को 48 महीने के लिए लगभग 3 बिलियन अमरीकी डालर की मंजूरी दी. पिछले कुछ समय से श्रीलंका आर्थिक और मानवीय संकट से बुरी तरह प्रभावित है. आईएमएफ द्वारा सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, अर्थव्यवस्था पहले से मौजूद कमजोरियों और संकट की अगुवाई में नीतिगत गलत कदमों से उपजी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है, जो बाहरी कारकों के कारण और बढ़ गई.

जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईएफएफ समर्थित कार्यक्रम का उद्देश्य श्रीलंका की व्यापक आर्थिक स्थिरता को बहाल करना है. साथ ही श्रीलंका में गरीबी दूर करने, लोगों की आय का जरिया बनाने और आर्थिक गतिशीलता बढ़ाना है. कार्यकारी बोर्ड का निर्णय एसडीआर 254 मिलियन (लगभग 333 मिलियन अमरीकी डालर) के बराबर तत्काल धन राशि आवंटन करेगा और अन्य विकास भागीदारों से वित्तीय सहायता करेगा.

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने श्रीलंका पर कार्यकारी बोर्ड की चर्चा के बाद कहा,'उच्च मुद्रास्फीति, घटते भंडार, एक अस्थिर सार्वजनिक ऋण, और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों के बीच श्रीलंका एक गंभीर मंदी के साथ जबरदस्त आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. संस्थानों और शासन ढांचे में गहरे सुधारों की आवश्यकता है. देश में आर्थिक संकट से उबारने के लिए ईएफएफ समर्थित कार्यक्रम का तेजी से और समय पर कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है.'

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उन्होंने कहा,'महत्वाकांक्षी राजस्व आधारित राजकोषीय समेकन गरीबों और कमजोरों की रक्षा करते हुए राजकोषीय और ऋण स्थिरता को बहाल करने के लिए आवश्यक है. इस संबंध में, चल रहे प्रगतिशील कर सुधारों की गति को बनाए रखा जाना चाहिए, और सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत किया जाना चाहिए और गरीबों को बेहतर रूप से लक्षित किया जाना चाहिए. राजकोषीय समायोजन सफल होने के लिए, कर प्रशासन, सार्वजनिक वित्त और व्यय प्रबंधन, और ऊर्जा मूल्य निर्धारण पर निरंतर राजकोषीय संस्थागत सुधार महत्वपूर्ण हैं.'

(एएनआई)

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