संयुक्त राष्ट्र : अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान द्वारा नियुक्त गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी बड़ी आर्थिक परियोजनाओं को कथित तौर पर अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं (Haqqani reportedly seeking control), जिनमें मुख्य रूप से तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) गैस पाइपलाइन परियोजना के अफगान खंड का निर्माण शामिल है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्र में आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति की विश्लेषणात्मक समर्थन एवं प्रतिबंध निगरानी टीम की 14वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में संघीय और प्रांतीय प्रशासन में पदों के वितरण को लेकर तालिबान के अधिकारियों के बीच कलह 'स्पष्ट' है.
शुक्रवार को यहां जारी रिपोर्ट में कहा गया है, 'कार्यवाहक गृह मंत्री एवं हक्कानी नेटवर्क के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी और कार्यवाहक प्रथम उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर के बीच कथित तौर पर बड़े पैमाने पर मतभेद हैं.'
इसमें कहा गया है कि बरादर का सरकार में 'कम प्रभाव' है, लेकिन उन्हें दक्षिणी प्रांतों के प्रशासनों का समर्थन मिलना बरकरार है. इसके अलावा, बरादर चाहते हैं कि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने, विदेश में अफगानिस्तान की संपत्ति पर लगी रोक हटवाने और देश को मिलने वाली विदेशी सहायता का दायरा बढ़ाने की प्रक्रिया उनके नियंत्रण में रहे.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह संघर्ष सरकारी पदों के लिए प्रतिस्पर्धा और वित्तीय एवं प्राकृतिक संसाधनों तथा वाणिज्यिक सामग्री की तस्करी के रास्तों पर नियंत्रण के इर्द-गिर्द घूमता है.'
रिपोर्ट के अनुसार, 'सिराजुद्दीन हक्कानी सबसे बड़ी आर्थिक परियोजनाओं को कथित तौर पर अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं. इनमें मुख्य रूप से तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (टीएपीआई) गैस पाइपलाइन के अफगान खंड के निर्माण संबंधी परियोजना शामिल है.'