वाशिंगटन:भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी रक्षा तथा आर्थिक मामले सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ अमेरिका के सहयोग को बढ़ाने के महत्वाकांक्षी प्रयास का नेतृत्व करेंगे. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी. लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर गार्सेटी को 24 मार्च को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने यहां एक समारोह के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में आधिकारिक रूप से शपथ दिलाई थी. सीनेट ने पिछले महीने गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि की थी. सीनेट ने उनके नामांकन की पुष्टि करते हुए करीब दो साल से खाली पड़े प्रमुख राजनयिक पद को भरने की राह साफ कर दी थी.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा, 'राष्ट्रपति ने कहा है कि जब हम भारत के साथ संबंधों को देखते हैं, तो यह दुनिया में अमेरिका के सबसे अधिक अहम संबंधों में से एक हैं.' उन्होंने कहा, 'राजदूत गार्सेटी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत के साथ हमारे सहयोग को गहरा करने, हमारे रक्षा सहयोग का विस्तार करने और हमारे आर्थिक एवं लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने के महत्वाकांक्षी प्रयास का नेतृत्व करेंगे.' वहीं, चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदलने पर कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने लंबे समय से उस क्षेत्र को मान्यता दी है और हम इलाकों का नाम बदलकर क्षेत्र के दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का समर्थन नहीं करते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था. हालांकि, बाइडन के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे. बाइडन ने इस साल जनवरी में गार्सेटी को दोबारा इस पद के लिए नामित किया था.