बाली : इंडोनेशिया ने बुधवार को बाली शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) के समापन के साथ ही अगले एक साल के लिए भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा. पीएम मोदी ने इसे हर एक भारतीय के लिए गर्व की बात बताया. मोदी ने कहा, 'सभी देशों के प्रयासों से हम जी20 शिखर सम्मेलन को वैश्विक कल्याण का प्रमुख स्रोत बना सकते हैं.'
अध्यक्षता हस्तांतरित किए जाने के साथ ही बाली में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का समापन हुआ. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि भारत ने जी20 'निष्कर्ष दस्तावेज' को तैयार करने में 'रचनात्मक' भूमिका निभाई है. जी20 बाली घोषणा-पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेदों की बात स्वीकार करते हुए कहा गया कि अधिकतर सदस्य देशों ने इसकी कड़ी निंदा की. पहले यह संदेह था कि शायद सदस्य देशों की सम्मेलन के 'निष्कर्ष दस्तावेजों' को लेकर एक राय नहीं बन पाएगी, क्योंकि जी20 घोषणापत्र के लिए सर्वसम्मति जरूरी है.
'भारत की जी20 की अध्यक्षता समावेशी होगी'
जी-20 के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी तथा देश ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाल रहा है जब दुनिया भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी एवं बढ़ती ऊर्जा कीमतों से जूझ रही है. सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जी-20 अगले एक साल में नए विचारों की परिकल्पना के लिए तथा सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में काम करे.
मोदी ने कहा, 'भारत ऐसे समय में जी-20 का कामकाज संभाल रहा है जब दुनिया एक साथ भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी, बढ़ती खाद्य एवं ऊर्जा कीमतों के साथ ही महामारी के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों से जूझ रही है.' उन्होंने कहा, 'ऐसे समय में दुनिया जी-20 को उम्मीद के साथ देख रही है. आज, मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी.'