कोलंबो : भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा (FS Kwatra meets Lankan leadership) ने मंगलवार को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और आर्थिक मोर्चे समेत द्विपक्षीय संबंधों में 'सकारात्मक बदलाव' लाने के तरीकों पर चर्चा की.
क्वात्रा कई भारतीय परियोजनाओं का जायजा लेने और अगले सप्ताह श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के लिए जमीन तैयार करने के वास्ते दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर सोमवार रात यहां पहुंचे.
क्वात्रा ने मंगलवार को रक्षा मंत्रालय में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात की. राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उनकी बैठक द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने तथा भविष्य के आर्थिक और सामाजिक लक्ष्यों की दिशा में काम करने पर केंद्रित थी जिससे दोनों देशों की आबादी को लाभ होगा.
इसमें कहा गया, 'बैठक के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने भारतीय विदेश सचिव को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार के सुधार कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी. उन्होंने हालिया आर्थिक संकट के दौरान पड़ोसी सहयोगी के रूप में भारत के निरंतर समर्थन को भी स्वीकार किया.' बयान में कहा गया है कि उन्होंने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की भारत की आगामी आधिकारिक यात्रा और उस दौरान नियोजित गतिविधियों पर चर्चा की.
क्वात्रा ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और 'चीफ ऑफ प्रेसिडेंट स्टाफ' सागला रत्नायका के साथ भी चर्चा की. इससे पहले क्वात्रा ने विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों तथा राष्ट्रपति के आगामी भारत दौरे पर चर्चा की. यह दौरा 21 जुलाई को होने की उम्मीद है. साबरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर विक्रमसिंघे की आगामी भारत यात्रा पर उन्होंने भारतीय विदेश सचिव के साथ चर्चा की.
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'चर्चा हमारे लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर भी केंद्रित थी.' यहां भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान में, क्वात्रा ने विक्रमसिंघे को 'एक प्रसिद्ध नेता और दोनों देशों के बीच संबंधों का एक बहुत मजबूत समर्थक' बताया. यहां भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान में, क्वात्रा ने विक्रमसिंघे को 'एक प्रसिद्ध नेता और दोनों देशों के बीच संबंधों का एक बहुत मजबूत पैरोकार' बताया.