इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का व्यवहार 2019 में सेना के प्रमुख के रूप में विस्तार दिए जाने के बाद बदल गया. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने यह दावा किया. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जनरल बाजवा एक्सटेंशन के बाद बदल गए और शरीफ के साथ समझौता कर लिया. उन्होंने उस समय उन्हें राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) देने का फैसला किया. खान ने यह भी दावा किया कि बाजवा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत के रूप में हुसैन हक्कानी को नियुक्त किया. इमरान खान ने कहा कि हक्कानी की नियुक्ति की जानकारी उन्हें नहीं थी.
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खान ने कहा कि उन्होंने दुबई में हक्कानी से मुलाकात की और सितंबर 2021 में उसे काम पर रखा. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, खान ने कहा कि पूर्व राजनयिक ने अमेरिका में उनके खिलाफ पैरवी शुरू की. अपदस्थ प्रधान मंत्री ने दावा किया कि अमेरिका उनकी सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सेदार था. उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में लॉबिंग का परिणाम था. खान ने कहा कि जनरल बाजवा बार-बार हमें अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने और जवाबदेही के बारे में भूलने के लिए कहते थे.
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पूर्व पीएम ने शिकायत की कि मिस्टर एक्स और मिस्टर वाई ने पंजाब में अपना दबाव बनाया और हमारे लोगों को पीएमएल-एन में शामिल होने की धमकी दी. अपने ऊपर किए गए हत्या के प्रयास के बारे में बोलते हुए, खान ने आरोप लगाया कि पीएम शहबाज शरिफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमले की योजना बनाई थी. पंजाब में अंतरिम मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित नामों पर बोलते हुए, खान ने कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगियों ने प्रांत में पद के लिए भरोसेमंद नाम दिए हैं. उन्होंने यह दावा किया कि विपक्ष द्वारा नामित उम्मीदवारों की भी आलोचना की कि एक पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ जरदारी का फ्रंटमैन है, जबकि दूसरा शहबाज शरीफ का है.
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पीटीआई के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि एक नाम हमारे खिलाफ शासन परिवर्तन में शामिल था. अगर चुनाव आयोग ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करता है, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. हालांकि खैबर पख्तूनख्वा में कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने शपथ ले ली है, लेकिन पंजाब में विपक्ष और सरकार अभी भी नियुक्ति को लेकर असमंजस में हैं. पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) को अभी इस मामले में फैसला करना है. सिंध की समस्याओं पर टिप्पणी करते हुए, खान ने कहा कि प्रांत की स्थिति देश भर में 'सबसे खराब' थी. उन्होंने कहा कि पीपीपी के भ्रष्टाचार ने सिंध को बर्बाद कर दिया है. पूर्व प्रधान मंत्री ने सिंध और कराची के लोगों को शहर की स्थिति और इसकी प्रगति में देरी को देखते हुए सबसे अधिक उत्पीड़ित करार दिया. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, खान ने कहा कि उन्हें पता था कि उन्हें कराची जाना है.
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(एएनआई)