नई दिल्ली: पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ग्रे (संदिग्ध) सूची से निकाल (Pakistan removed from FATF grey list) दिया गया है. एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से निकालने का फैसला लिया. एफएटीएफ (Financial Action Task Force) आतंकवादी वित्त पोषण और धन शोधन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था. ग्रे सूची से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्तीय मदद हासिल करने के लिए आवेदन कर सकता है.
वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमार को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है. काली सूची में उच्च जोखिम वाले उन क्षेत्रों को रखा जाता है, जहां कार्रवाई किए जाने की जरूरत है. ईरान और उत्तर कोरिया एफएटीएफ की काली सूची में बरकरार हैं. इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत रूस को एफएटीएफ के भावी कार्यक्रमों में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर उठाया गया है.
एफएटीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि वह धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के तंत्र में सुधार की दिशा में पाकिस्तान द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है. एफएटीएफ ने कहा, 'पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया है. साथ ही रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उन तकनीकी कमियों को दूर किया है, जिनका जिक्र एफएटीएफ ने जून 2018 और जून 2021 में किया था. पाकिस्तान ने संबंधित प्रतिबद्धताओं को तय समयसीमा से पहले पूरा किया है, जिसमें कुल 34 कार्य बिंदु शामिल थे.