न्यूयॉर्क:करीब एक साल से जारी यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और अधिकतर यूरोपीय देशों ने रूस का मुकाबला करने में कीव की हथियारों और विश्व के ऊर्जा बाजार में मदद की. दरअसल, रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब वह यूरोप का प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता था और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने धमकी दी थी कि अगर यूरोपीय देशों ने उनके देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाए तो यूरोप को सर्दियों में ‘भेड़िये की पूंछ’ प्रसिद्ध रूसी कहानी का संदर्भ की तरह जमने को छोड़ देंगे. Europe did not freeze due to Ukraine war
हालांकि, तैयारियों और भाग्य का संयुक्त साथ रहा कि यूरोप ब्लैकाआउट और बिजली कटौती से बचा रहा. इसके बजाय पाकिस्तान और भारत जैसे कम धनी देशों को वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमत में वृद्धि की वजह से ऊर्जा समस्या का सामना करना पड़ा.वैश्विक ऊर्जा के विश्लेषक इसे वैश्विक तेल गैस संकट से अकसर कम धनी देशों के प्रभावित होने के सबूत के तौर पर देखते हैं.
मेरा मानना है कि और अस्थिरता पैदा हो सकती है. रूस ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के जवाब में कहा है कि वह एक मार्च 2023 से कच्चे तेल के उत्पादन में पांच लाख बैरल प्रतिदिन की दर से कटौती करेगा. यह मात्रा उसके मौजूदा कच्चे तेल उत्पादन का पांच प्रतिशत या वैश्विक तेल आपूर्ति का 0.5 प्रतिशत है. कई विश्लेषकों को इस कदम की उम्मीद थी लेकिन इससे कई चिंताएं भी पैदा हो गई हैं, मसलन भविष्य में उत्पादन में और कटौती तो नहीं की जाएगी.
यूरोप कैसे अपनी बत्ती गुल होने से बचाएगा:
रूस ने 2021 के उत्तरार्ध में यूक्रेन को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था और वर्ष 2022 के शुरुआत में कई सरकारों और ऊर्जा विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि इसका नतीजा यूरोप में ऊर्जा संकट हो सकता है, लेकिन एक तथ्य पर पुतिन का भी वश नहीं था और वह था मौसम. यूरोप में हाल के महीनों में कम तामपान और अतिसक्रिय रूप से संरक्षण की अपनाई नीति से यूरोप के अहम बाजारों जैसे जर्मनी, नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों में प्राकृतिक गैस की खपत में 25 प्रतिशत तक कमी आई.
बिजली और प्राकृतिक गैस की कम जरूरत की वजह से यूरोपीय सरकारें प्राकृतिक गैसों के संरक्षित भंडारों से गैस निकासी में देरी कर सकी, जिसे उन्हें वर्ष 2022 की गर्मियों और शरद ऋतु में जमा किया था. इस समय, यूरोपीय महाद्वीप में ऊर्जा संकट की आशंका कम है जैसा कि पूर्वानुमान लगाया गया था. यूरोपीय गैस का भंडार करीब 67 प्रतिशत भरा है और सर्दियों के बाद भी इसके 50 प्रतिशत तक भरे रहने की उम्मीद है. इससे महाद्वीप को अगली सर्दियों के लिए भी तैयारी करने में मदद मिलेगी.
इसी तरह की स्थिति कोयले को लेकर है. यूरोपीय ऊर्जा कंपनियों के पास कोयले का भंडार है और यूरोप ने सर्दियों में बिजली संकट की आशंका के मद्देनजर पिछले साल 26 ताप बिजली घरों को दोबारा चालू किया, लेकिन अबतक महाद्वीप में कोयले के इस्तेमाल में महज सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दोबारा शुरू किए ताप ऊर्जा संयंत्र केवल अपनी 18 प्रतिशत क्षमता से काम कर रहे हैं.
अमेरिका की भूमिका
अमेरिका ने पिछले साल गर्मियों और वर्ष 2022 के अंत में रिकॉर्ड ऊर्जा का निर्यात किया जिसने यूरोपीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती दी. अमेरिका ने पिछले साल हर महीने करीब एक करोड़ घन मीटर तरल प्राकृतिक गैस का निर्यात किया जो वर्ष 2021 के मुकाबले 137 प्रतिशत अधिक था और यह यूरोप के कुल एलएनजी आयात का करीब-करीब आधा था.
अमेरिका में प्राकृतिक गैस का घरेलू उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ने से कुछ उत्पादकों को इन्हें उच्च मूल्य वाले वैश्विक बाजार में बेचने का अवसर मिला. इसका नतीजा रहा है कि अमेरिका में गर्मियों के दौरान उत्पादित अतिरिक्त प्राकृतिक गैस स्थानीय बाजार में नहीं रही जो सामान्य परिस्थितियों में होता है। अप्रत्याशित रूप से गर्मियों में अधिक तापमान जिसे ठंडा करने के लिए ऊर्जा की जरूरत बढ़ी और निर्यात में वृद्धि की वजह से अमेरिकी ग्राहकों को वर्ष 2008 के बाद प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा.
अमेरिकी गैस पंप में भी दामों में वृद्धि हुई और वर्ष 2022 की शुरुआती गर्मियों में प्रति गैलेन गैस की कीमत पांच डॉलर तक पहुंच गई, जो अमेरिकन ऑटोमोबिल एसोसिएशन की ओर से दर्ज सबसे अधिक औसत कीमत है. अमेरिका का तेल निर्यात 10 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया, जो मुख्यत: मेक्सिको और मध्य अमेरिका के देशों को और कुछ मात्रा फ्रांस को निर्यात की गई और इसके साथ अमेरिका शुद्ध तेल निर्यातक देश हो गया.