कराची: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर में रविवार को चरमपंथियों ने चीन के कर्मचारियों को ले जा रहे एक काफिले पर हमला कर दिया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में दो चरमपंथी मारे गए. यह प्रमुख बंदरगाह अरबों डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का एक प्रमुख केंद्र है, और चीन के भी कई कर्मचारी यहां काम करते हैं। सीपीईसी परियोजना के तहत चीन, बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है.
पाकिस्तानी थलसेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार पूर्वाह्न 10 बजे चरमपंथियों ने छोटे हथियारों और हथगोलों से हमला किया. आईएसपीआर ने दावा किया कि लेकिन प्रभावी और त्वरित जवाबी कार्रवाई में दो चरमपंथियों को मार गिराया गया. सेना ने देश की शांति और समृद्धि को नुकसान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों को नाकाम करने का संकल्प लिया. हालांकि, उसने अपने बयान में चीन के इंजीनियरों पर किसी हमले का उल्लेख नहीं किया है.
बलूचिस्तान में सक्रिय चरमपंथी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी - मजीद ब्रिगेड ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने ग्वादर हमले को तूल न देते हुए इसे महज आतंकवादी गतिविधि करार दिया. वहीं, इस्लामाबाद स्थित चीन के दूतावास ने ग्वादर में चीन के नागरिकों को ले जा रहे काफिले पर हमले की गहन जांच की मांग की.
पाकिस्तान स्थित चीन के दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके नागरिकों को ले जा रहे काफिले पर ग्वादर बंदरगाह के नजदीक हमला किया गया, लेकिन उक्त घटना में उसके पक्ष का कोई हताहत नहीं हुआ है और सुरक्षा के लिए आवश्यक जवान तैनात थे. पाकिस्तान स्थित चीन के दूतावास ने इस आतंकवादी गतिविधि की कड़े शब्दों में निंदा की है.
बयान में कहा गया कि दूतावास और कराची स्थित महावाणिज्य दूतावास ने तत्काल आपात प्रतिक्रिया व्यक्त की और पाकिस्तानी अधिकारियों से हमले को लेकर गहन जांच करने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की. साथ में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी कदम उठाने को भी कहा. इसमें कहा गया है कि चीन पाकिस्तानी पक्ष के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि पाकिस्तान में चीन के नागरिकों, संस्थानों और परियोजनाओं की आतंकवाद के खतरे से रक्षा की जा सके.